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सुप्रीम कोर्ट ने जमानत कर दी रद, फिर से जेल गए शहाबुद्दीन

shahabuddin-2सुप्रीम कोर्ट ने आज बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। शहाबुद्दीन ने इसके बाद सिवाान कोर्ट में अात्मसमर्पण कर दिया फिर उन्हें जेल भेज दिया गया।
पटना [वेब डेस्क]। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कर दी है। इसके बाद शहाबुद्दीन ने सिवान कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। शहाबुद्दीन के जेल जाने की खबर के प्रकाश में आते ही सिवान सहित पूरे बिहार में हलचल मच गई है। कोर्ट ने उनकी जमानत रद कर कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि शहाबुद्दीन को तुरत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
इसके बाद सिवान के एसपी शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने उनके घर प्रतापपुर पहुंचे, लेकिन वहां उनके पहुंचने से पहले ही शहाबुद्दीन ने आत्मसमर्पण कर दिया। शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने सिवान के एसपी और डीएम सहित बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स गई थी, लेकिन शहाबु्द्दीन वहां नहीं मिले। थोड़ी देर में पता चला कि शहाबुद्दीन ने आत्मसमर्पण कर दिया है। ये सब इतनी जल्दी हुआ कि कोई कुछ समझ नही्ं पा रहा।इधर कोर्ट में आत्मसमर्पण के बाद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा कि मेरे समर्थक इसका जवाब जरूर देंगे। राज्य की नीतीश कुमार को अगले चुनाव में इसका करारा जवाब दिया जाएगा। मैंने जो कहा था कि नीतीश कुमार परिस्थितिवश मेरे नेेेता हैं मैं आज भी अपने उस बयान पर कायम हूं। अब मेरे समर्थक उन्हें अाने वाले चुनाव में इसका जवाब देंगे। मैं लोगों के कहने पर नहीं जाता, मैं न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करता हूं।

शहाबुद्दीन को पटना हाई कोर्ट ने दी थी जमानत

शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। राजीव रोशन की हत्या मामला में सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने शहाबुद्दीन को हिरासत में ले कर वापस जेल भेजने का निर्देश दिया है। आज जस्टिस पिनाकी घोष और जस्टिस अमिताभ रॉय की बेंच ने यह सुनाया फैसला। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द ट्रायल पूरा करे। इसके पहले शहाबुद्दीन ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उसकी जमानत को रद ना किया जाए। उन्हें बिहार बदर कर दिया जाए वो कही्ं भी रह लेंगे। इससे पहले चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।कोर्ट में चंदा बाबू और राज्य सरकार की ओर से पटना हाई कोर्ट से शहाबुद्दीन को मिली जमानत की याचिका के खिलाफ अर्जी दी गई थी। जिसपर पक्ष और विपक्ष के वकीलों के द्वारा दी गई दलीली के बाद कोर्ट ने कल अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए आज फैसला देने की बात कही थी।
सुप्रीम कोर्ट में शहाबुद्दीन की ओर से केस लड़ रहे वकील शेखर नाफ्रे ने गुरुवार को शहाबु्द्दीन का पक्ष रखते हुए कहा कि चार्जशीट में शहाबुद्दीन को आरोपी नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन की चार्जशीट और पूरक चार्जशीट कोर्ट में भी कमी पाई गई है। उनकी चार्जशीट कोर्ट को क्यों नहीं सौंपी गई। उन्हें बिना कानूनी वजहों के ही सिवान जेल से भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया। इन सब बिंदुओं पर कोर्ट के समक्ष उन्होंने अपने मुवक्किल का पक्ष रखा। शहाबुद्दीन के वकील शेखर नाफ्रे ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में शहाबुद्दीन का पक्ष रखा था और दलील दी थी कि इस मामले में कोर्ट को फिर से विचार करना चाहिए। इस मामले में बुधवार को भी सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने तीन याचिकाओं पर दलीलें सुनीं फिर सुनवाई गुरुवार को भी जारी रखने के आदेश दिए थे।आज तेजाब कांड में अपने तीन बेटों को खो चुके चंदा बाबू और उनकी पत्नी कलावती देवी को न्याय पर और भगवान पर पूरा भरोसा हो गया कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। चंदा बाबू ने कहा कि न्यायालय के फैसले से खुश हूं। अगर मैंने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी होती तो शहाबुद्दीन को पहले ही सजा हो जाती। सुप्रीम कोर्ट ने न्याय किया है। अब जब उसे फांसी की सजा मिलेगी तभी मेरे दिल को सुकून मिलेगा। उनके वकील प्रशांत भूषण ने भी शहाबुद्दीन का केस लड़ने और चंदा बाबू को न्याय दिलाने पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि चंदा बाबू और बिहार सरकार दोनों के पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना अ्हम फैसला दिया है। इस फैसले से लोगों का न्यायालय पर विश्वास कायम रहेगा। प्रशांत भूषण ने कहा कि इस मामले में अब एक और याचिका दायर की जाएगी जिसमें शहाबुद्दीन का ट्रायल बिहार से बाहर कराने की अर्जी होगी।शहाबुद्दीन ने कहा कि हमने अपने वकील के द्वारा अपनी बात कोर्ट तक पहुंचा दी। अब कानून अपना काम करेगी । मैंने जेल में रहते हुए पहले भी सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि मेरा ट्रायल बिहार से बाहर कराया जाए लेकिन उस वक्त भी बिहार सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया था। ये मेरी तब भी मांग थी जब सुशील मोदी जी उपमुख्यमंत्री थे आज वो जो चिल्ला रहे कि इनका ट्रायल बिहार से बाहर कराया जाए तब कहां थे?शहाबुद्दीन ने कहा कि बीस साल के राजनीतिक जीवन में मैं राजनीति को नहीं समझ पाया कि इस खेल में कौन कब क्या बोलेगा? कौन कब क्या करेगा? राजनीति मेरी समझ से बाहर है।

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