राष्ट्रीय
शहाबुद्दीन का टेरर है, जमानत रद्द होनी चाहिए : भूषण
नई दिल्ली। बिहार के बाहुबली आरजेडी नेता शहाबुद्दीन की जमानत को रद्द करने की याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार और शिकायती के वकील ने जमानत रद्द करने की मांग की है। सिवान के चंद्रकेश्वार प्रसाद के तीन बेटों की हत्या की गई थी। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रशांत भूषण पेश हुए और उन्होंने शहाबुद्दीन को मिली जमानत को रद्द करने की गुहार लगाई।
प्रशांत भूषण ने दलील दी कि हाई कोर्ट का आदेश सही नहीं है। इस मामले में जमानत का ऑर्डर देते हुए विवेक का इस्तेमाल नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने के लिए जो स्टैंडर्ड तय किया हुआ है, उसे नजरअंदाज किया गया है। 7 महीने पहले हाई कोर्ट ने जमानत देने की अर्जी खारिज की थी और बाद में जमानत दे दी गई। शहाबुद्दीन को दो मामले में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। बिहार सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट दिनेश द्विवेदी और गोपाल सिंह पेश हुए। दिनेश द्विवेदी ने दलील दी कि शहाबुद्दीन के खिलाफ दर्जनों केस पेंडिंग है। तमाम मामले संज्ञेय अपराध से जुड़ा है इसमें जमानत नहीं दी जा सकती। बिहार सरकार ने हाई कोर्ट में खुद कहा है कि शहाबुद्दीन का टेरर कल्पना से परे है। यह आदमी हिस्ट्री शीटर है। ऐसे में जमानत रद्द की जानी चाहिए।