उप्र पुलिस पर रहेगी निर्वाचन आयोग की खास नजर
मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि थाना स्तर पर तैनातियां चुनाव आयोग की नीति के तहत की जाएंगी
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग की पैनी नजर धनबल, बाहुबल और चुनाव सम्बन्धी मशीनरी के रवैये के अलावा पुलिस की भूमिका पर भी खासतौर से होगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सोमवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में आगामी चुनाव के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा किसी दल के प्रभाव में आकर काम करने की आशंका जाहिर की गयी है। इसके मद्देनजर आयोग इस पर पैनी निगाह रखेगा।
जैदी ने कहा ‘‘आने वाले चुनाव में हमारा सारा फोकस पुलिस स्टेशन पर रहेगा और थाना स्तर की निगरानी बहुत सख्त तरीके से की जाएगी, क्योंकि चुनाव आयोग का मानना है कि अगर पुलिस स्टेशन स्तर पर प्रभावी कार्रवाई होगी तो पूरा चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र तरीके से होगा।’’ उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें भी मिली हैं कि इंस्पेक्टर स्तर की तैनाती वाले थानों में दारोगा स्तर के अधिकारी प्रभारी के तौर पर तैनात हैं, जो खुलेआम पक्षपातपूर्ण कार्यवाही करते हैं। इसके मद्देनजर आयोग ने निर्देश दिये हैं कि इंस्पेक्टर स्तर के थानों के कमान उसी स्तर के अधिकारियों के हाथ में सौंपी जाए। यह पूछे जाने पर कि प्रदेश के करीब 50 प्रतिशत थानों पर यादव जाति के ही प्रभारियों की तैनाती के मद्देनजर चुनावों को किस तरह निष्पक्ष तरीके से कराया जा सकेगा, ।जैदी ने कहा कि थाना स्तर पर तैनातियां चुनाव आयोग की नीति के तहत की जाएंगी उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने आयोग से गुजारिश की है कि चुनाव नामांकन प्रक्रिया से पहले ही केन्द्रीय बलों की तैनाती की जाए, ताकि प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोकने की घटनाओं पर लगाम लायी जा सके। इसके मद्देनजर आयोग नामांकन से पहले ही आशंका वाले क्षेत्रों में केन्द्रीय बलों की तैनाती की कोशिश करेगा।
जैदी ने बताया कि सोमवार को प्रदेश के सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों से कहा गया है कि वे संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित कर पिछले चुनाव में वहां हुए अपराधों और मतदाताओं को डराने-धमकाने की घटनाओं का थाना स्तर पर डेटाबेस तैयार करें, ताकि आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिये जरूरी उपाय कर सके। उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों ने आगामी विधानसभा चुनाव के प्रचार में समान अवसर की मांग करते हुए आरोप लगाया कि बहुत से अधिकारी तटस्थ तरीके से काम करने के बजाय सत्ताधारी दल के लिये काम कर रहे हैं। उन पर लगाम लगायी जाएगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि राजनीतिक दलों ने आगामी चुनाव में धनबल और बाहुबल पर प्रभावी रोक लगाने को कहा है। इसके लिये आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों से बातचीत की है। बहुत जल्द इसकी व्यापक रणनीति सामने आ जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आम जनता को स्मार्टफोन दिये जाने की घोषणा पर चुनाव आयोग की राय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ‘‘हमारा काम तो चुनाव प्रक्रिया के साथ शुरू होगा। उससे पहले हम इस पर कुछ नहीं कह सकते।’’ जैदी ने ‘पेड न्यूज’ को धन के दुरुपयोग का एक अहम जरिया बताते हुए कहा कि इसमें कालेधन का भी इस्तेमाल होता है। इस बारे में आयोग की एक प्रभावी नीति है। आयोग ने पेड न्यूज के आधार पर कुछ निर्वाचित लोगों को भी अयोग्य करार दिया है। हमने विधि मंत्रालय को पत्र लिखकर पेड न्यूज को अपराध की श्रेणी में रखने का आग्रह किया है। उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा कि चुनाव आचार संहिता में आठवां अध्याय जोड़ा गया है, जिसमें लिखा है कि किन-किन चीजों को चुनाव घोषणापत्र में शामिल किया जाएगा। राजनीतिक दल अपने घोषणापत्रों को चुनाव आयोग के पास जमा कराएंगे। आयोग उनकी समीक्षा करेगा कि वे आठवें अध्याय के प्रावधानों के अनुरूप है या नहीं।
जैदी ने कैराना से कथित रूप से पलायन कर गये लोगों को मतदान प्रक्रिया का हिस्सा बनाये जाने सम्बन्धी एक सवाल पर बताया ‘‘इसके लिये हमने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से विस्तार से विमर्श किया है। इस तरह की घटनाओं को हम चुनाव के दृष्टिकोण से देखेंगे, ना कि कानून-व्यवस्था से जोड़कर।’’ मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि चुनाव आयोग आगामी चुनाव में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों के साथ वीवीपैट मशीनें भी लगाएगा, ताकि मतदाता यह देख सकें कि उन्होंने जिसे वोट दिया है, वह वाकई उसी प्रत्याशी के खाते में गया है या नहीं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग सोशल मीडिया पर केवल चुनाव के परिप्रेक्ष्य में ही नियंत्रित कर सकता है। जहां तक उत्तेजनात्मक विज्ञापनों का सवाल है तो सत्यापन किये बगैर ऐसा कोई विज्ञापन नहीं छपेगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने प्रदेश विधानसभा चुनाव में कम मतदान पर चिंता जाहिर करते हुए आगामी चुनाव में इसे 70 से 75 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया। चुनाव के सम्भावित माह के बारे में पूछे जाने पर जैदी ने कहा कि आयोग के पास चुनाव सम्पन्न कराने के लिये 28 मई तक का वक्त है। फरवरी-मार्च में आमतौर पर स्कूलों में परीक्षाएं होती हैं। आयोग सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर चुनाव का कार्यक्रम तय करेगा। उन्होंने कहा कि आयोग ने इस बार सभी मतदान केन्द्रों पर सात सुनिश्चित सुविधाएं देने का फैसला किया है। इनमें पेयजल, शौचालय, रैम्प, बिजली तथा प्रतीक्षालय अथवा छाया की व्यवस्था इत्यादि शामिल हैं। जैदी ने बताया कि प्रदेश में 13 करोड़ 85 लाख 23 हजार 719 मतदाता हैं और उनमें से 99.9 प्रतिशत के पास मतदाता पहचान-पत्र है। आयोग आगामी आठ, नौ और 22 एवं 23 अक्तूबर को निर्धारित स्थानों पर विशेष शिविर लगाएगा, जहां नये मतदाता अपना पंजीकरण करा सकेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है और आयोग की कोशिश होगी कि स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल के बीच होने वाले इन चुनाव में कोई भी मतदाता वोट डालने से छूट ना जाए।