उत्तराखंड में शिक्षा मित्रों को कोर्ट से झटका, बिना टी ई टी पास नियुक्तियां होंगी रद्द
शिक्षा मित्रों की नियुक्ति के मामले में सुनवाई के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों को करारा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने बिना टीईटी पास शिक्षा मित्रों की नियुक्तियां रद्द करने का निर्देश दिया है।ऊधमसिंह नगर निवासी ललित व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने शिक्षा मित्रों को बिना अध्यापक पात्रता परीक्षा के नियुक्ति दी है, जो शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा 23 (2) का उल्लंघन है।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष मंगलवार को भी मामले की सुनवाई हुई।याचिका में कहा गया कि शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा 23 के अनुसार अध्यापक की नियुक्ति में यदि कोई छूट प्रदान की जाती है तो वह केवल भारत सरकार गजट अधिसूचना के जरिए कर सकती है।अध्यापक पात्रता परीक्षा की छूट एनसीटीई के 17 फरवरी 2014 के पत्र के अनुसार दी गई है, जो गलत है। एनसीटीई को केवल शैक्षिक अर्हता लागू करने का अधिकार है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिक्षा मित्रों से संबंधित मामले पर हुए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि इसमें भी शिक्षा मित्रों की नियुक्ति प्रारंभिक शिक्षक के रूप में करना अवैध ठहराया है।इसी प्रकरण में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तराखंड में बिना टीईटी पास शिक्षामित्रों की सभी नियुक्तियां रद्द करने का निर्देश दिया।