ये भाई साहब एक मास्टर हैं फिर भी शरीर पर क्यों पहनते है खाकी वर्दी…
नई दिल्ली। शरीर पर खाकी वर्दी। हाथों में एक खटारा साइकिल। ना-ना यह कोई पुलिस वाले भाई साहब नहीं है और न ही यह कोई ग्राम चौकीदार या डाकिया हैं। ये भाई साहब एक मास्टर हैं। उत्तर प्रदेश के एक जूनियर हाईस्कूल के मास्टर। इनकी मंजिल है जूनियर हाईस्कूल सारौली गुर्जर फतेहबाद। एक घने जंगल से होते हुए इस स्कूल को रास्ता जाता है और इनके खास बनने की वजह बन गई।
ऐसे समय में जब शिक्षकों पर कामचोरी के आरोप लग रहे हों यह शिक्षक बीहड़ के इलाके में बच्चों को पढ़ाने के लिए यह जद्दोजहद करते थे। उनके रास्ते में कई दुश्वारियां आईं। बदमाशों और असामाजिक तत्वों से बचने के लिए खाकी वर्दी का सहारा लिया। उनके इस संघर्ष से मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बार्डर पर बने इस स्कूल में शिक्षा की रौशनी फैली।
आज शिक्षक दिवस है इसीलिए ये किस्सा और खास हो जाता है। ये किस्सा है शिक्षक यासीन खान का। वह चार साल तक जूनियर हाईस्कूल सारौली गुर्जर फतेहबाद में रहे। वैसे तो यासीन आगरा शहर के रहने वाले हैं। लेकिन सुबह-सवेरे बस से फतेहबाद तक जाते थे। बस से उतरकर वहां एक जानने वाले के यहां खड़ी अपनी साइकिल उठाकर स्कूल के लिए जाते थे।
पास आने पर उसने गांव के बाहर सड़क पर छोड़ने की मदद मांगी। घायल होने के चलते मैंने उसे सड़क के पास ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर छोड़ दिया। थोड़ी दूर बाजार में चलने पर अचानक से आई पुलिस की गाड़ी ने मुझे रोक लिया। उस लंगड़े युवक के बारे में पूछताछ शुरू कर दी। बाद में मुझे पता चला कि वह एक बड़ा बदमाश था। जंगल में बदमाशों की हलचल भी बढ़ गई थी। तभी मुझे खाकी वर्दी का ख्याल आया।
सड़क से स्कूल और स्कूल से सड़क पर आने-जाने के दौरान मैंने खाकी वर्दी पहननी शुरू कर दी। जिसका फायदा यह मिला कि जंगल में कई बार गलत दिखने वाले व्यक्ति मिले। बदन पर वर्दी देखकर पूछ लेते थे कि पुलिस में हो क्या। टोका-टाकी जरूर करते थे, लेकिन कोई कुछ कहता नहीं था।
जंगल में कई बार देखीं मुठभेड़
यासीन का कहना है कि उन्होंने स्कूल आने-जाने के दौरान जंगल में कई बार पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ भी देखी है। लेकिन अपनी नौकरी और रोज का जंगल से आने-जाने को लेकर कभी किसी से कुछ कहा नहीं। क्योंकि बदमाश और पुलिस दोनों से ही डर लगता था।
लल्ला गुर्जर के बच्चे पढ़ते थे स्कूल में
शिक्षक यासीन बताते हैं कि चंबल का खूंखार बदमाश लल्ला गुर्जर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान पुलिस के लिए खूब सिरदर्द बना था। एनकाउंटर से पहले लल्ला अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर इसी गांव में आ गया था। उसके बच्चे हमारे स्कूल के पास ही चलने वाले प्राथमिक स्कूल में पढ़ते थे। कई बार खुद लल्ला गुर्जर भी स्कूल आया था।