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राजनाथ सिंह ने कश्‍मीर दौरे के दूसरे दिन मीडिया से खुलकर की बात…

HM-Rajnath-Singhश्रीनगर। राजनाथ सिंह ने अपने कश्‍मीर दौरे के दूसरे दिन मीडिया से खुलकर बात की। उन्होंने कहा, ‘कश्‍मीर मुद्दे पर हम पूरी तरह गंभीर हैं। घाटी की बेहतरी के लिए सभी दल एकमत हैं।’ उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि जम्मू और कश्‍मीर भारत का आंतरिक हिस्सा था, है और रहेगा। लेकिन उनके इन बयानों से ट्विटर पर काफी खलबली मची। लोगों ने दो टूक कहा कि कश्‍मीर में अब अंग्रेजों का कानून ‘फूट डालो और राज करो’ लागू कर देना चाहिए।

अलगाववादियों से बात पर राजनाथ कहा, ‘अगर कोई बात करने के लिए जाए लेकिन वो (अलगाववादी) ही इनकार कर दें, तो इससे साफ है कि उन्हें इंसानियत, कश्‍मीरियत और जम्हूरियत पर भरोसा नहीं है।’ इस बयान पर सुनील पटनायक ने ट्वीट किया, ‘उनसे (अलगाववादी) बात करने की जरूरत नहीं है। अब उन्हें सीधे अरब सागर में फेंक देना चाहिए।’ संदीप कोटवाल ने लिखा, ‘आप सिर्फ सेना को खुली छूट दे दीजिए। कश्‍मीर से आतंकवाद का अंत करना सेना के बाएं हाथ का खेल है।’

राजनाथ ने बताया कि रविवार को सर्वदलीय प्रतिनिधिमण्‍डल के कुछ हर्रियत नेताओं से मिलने गए थे। राजनाथ ने कहा कि हम जम्मू-कश्‍मीर सरकार के साथ हैं। घाटी के हालात सामान्य करने में राज्य सरकार की पूरी मदद की जाएगी।

 राजनाथ ने यहां अलगाववादियों से बातचीत पर नई सोच रखी। उन्होंने कहा, ‘बातचीत के लिए हमारा दरवाजा ही नहीं, रोशनदान भी खुला है। लेकिन एक पहल तो आपको भी करनी होगी।’ इस पर राकेश से ट्वीट किया, ‘सर, अब बात नहीं। सारे दरवाजे बंद करिए। फूट डालिए और राज करिए।’

गृहमंत्री ने कश्‍मीर में पैलेट गन के विकल्प पर भी बात की। बोले कि एक विशेषज्ञ कमेटी इसके लिए बनाई गई थी। उसने सलाह दी है कि पैलेट गन की जगह सेना पावा शेल्स का इस्तेमाल करे।

यह विकल्प चिली बेस्ड पावा शेल्स हैं। ये हथियार पैलेट गन से भी खतरनाक माना जाता है। इसे सबसे ज्यादा मुश्किल हालात में इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि एक हजार से ज्यादा पावा शेल्स कश्‍मीर घाटी में पहुंचाई जा चुकी हैं।

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