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उच्च हिमालयी क्षेत्र की संचार सेवाओं पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, चार सप्ताह का दिया वक्त

पिथौरागढ़। धारचूला-मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्र की बदहाल संचार सेवाओं का स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। चीन-तिब्बत और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे भारतीय इलाके के लोग खराब संचार समस्या को दूर करने की मांग कई बार उठा चुके हैं।

बता दे, कि मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई। अदालत में इस संबंध में पेश प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि इस क्षेत्र में नेपाल की मोबाइल सेवा के सिग्नल तो आते हैं लेकिन भारतीय संचार कंपनियों का नेटवर्क नहीं है। पिथौरागढ़ जिला खासकर उच्च हिमालयी क्षेत्र सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। धारचूला, मुनस्यारी क्षेत्र में खराब संचार सेवा का मामला आज की डिजिटल क्रांति के दौर में भी हल नहीं हो सका है।

धारचूला क्षेत्र, जो सुरक्षा की नजर से भी काफी महत्वपूर्ण है ऐसे में यहाँ पर BSNL समेत अन्य मोबाइल कंपनियों के सिंग्नल नहीं मिलते। ऐसे में बात करने के लिए ऊंची पहाड़ियों पर जाना पड़ता है। इस क्षेत्र में आईटीबीपी के साथ ही कुमाऊं स्काउट भी तैनात है। संचार सेवाओं की दिक्कतों की वजह से उन्हें भी कई बार परेशानी होती है। इसलिए इस क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाए जाएं। मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है।

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