अल्मोड़ा के जंगलों में भीषण आग, 17 जगहों पर भारी नुकसान
जिले में आग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार को सोमेश्वर के खौड़िया के जंगल में भीषण आग लग गई। पूरे जंगल में फैली आग ने विकराल रूप ले लिया। घंटों की मशक्कतों के साथ शाम तक वन विभाग और फायर वाचर आग पर काबू पाने में जुटे रहे। आग बुझाने के लिए दैनिक श्रमिकों का भी सहारा लेना पड़ा। इधर जिले के 16 अन्य स्थानों में जंगल धधके रहे।
सोमेश्वर के लोद क्षेत्र से करीब 10 किमी दूर खौड़िया के जंगल में सोमवार की सुबह अचानक आग लग गई। कुछ ही देर में आग तेजी से फैलत गई। पूरे जंगल को आग ने आगोश में ले लिया। आग की लपटे और उठता धुंआ देख लोगों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच आग बुझाने में जुट गई। बेकाबू होती आग बुझाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिसके बाद 25 से 30 फायर वाचर और वन कर्मी और बुलवाए गए।
दोपहर तक विभाग की टीम लोद और काटली समेत तीन स्थानों से भेजी गई। इसके अलावा द्वाराहाट, रानीखेत, स्याल्दे आदि स्थानों में 17 आग की घटनाएं सामने आई। अब तक जिले में जंगलों की आग की कुल 248 आग की घटनाएं हो चुकी है। अब तक 504 हेक्टेयर से अधिक जंगल चल चुके हैं। जिसमें 14 लाख से अधिक का नुकसान हो चुका है।
स्याल्दे और भिकियासैंण में भी धधके जंगल
स्याल्दे और भिकियासैंण के जंगलों में भी भीषण आग लगी रही। धुंध के चलते विजिबल्टी 50 मीटर तक रही। परथोलीा जंगल की आग बेकाबू होकर गांव तक पहुंच गई। पूरे क्षेत्र में धुंध छाई रही। ग्राम प्रधान परथोला राधे बंगारी ने बताया कि आग गांव के समीप तक आ पहुंची थी।
बमुश्किल आग को बुझाया गया। ग्रामीणों के जलाऊ लकड़ियों के गट्ठे, सहतूत की लभग 25 हजार पौधे की नर्सरी, फलदार वृक्ष जलकर राख हो गए। धुंध से लोगों के आंखों में जलन जैसी समस्या भी बढ़ी।
डीएफओ महातिम यादव ने बताया कि सोमेश्वर क्षेत्र में लगी जंगल की आग को काबू पाने के लिए तीन तरफ से कर्मी भेजे गए हैं। फायर वाचरों के साथ दैनिक मजदूरों का भी सहयोग लिया जा रहा है। जल्द आग पर काबू पा लिया जाएगा। अन्य स्थानों में भी कर्मी तत्परता से कार्य कर रहे हैं।