सीएम योगी ने जताया संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष पर भरोसा, एक साल के लिए बढ़ाया कार्यकाल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष आचार्य डॉ. वाचस्पति मिश्र को उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी ने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार एवं प्रशासनिक कार्यों के संस्कृत क्षेत्र में नई ऊर्जा के साथ सहज रूप से संचालन हेतुअध्यक्ष पद पर दिनांक 14 सिंतबर 2020, सोमवार को एक वर्ष के लिए पुनः नामित किया है। श्री मिश्रा पहली बार 25 सितंबर 2017 को प्रथम बार संस्थान के अध्यक्ष नामित हुए थे, श्री मिश्रा जी अपने कुशल मार्गदर्शन से तीन वर्ष के कार्यकाल में संस्थान को नित नई ऊचाइयों को स्पर्श कराकर एक नया आयाम प्रदान किया साथ ही साथ देव भाषा संस्कृत को जन भाषा बनाने के लिए उसके प्रचार में उन्नत तकनीक का आश्रय लिया ।
संस्थान चला रहा है प्रशिक्षण कार्यशालाएं एवं जागरूकता कार्यक्रमों से बढ़ रही है संस्कृत की परिधि।
श्री मिश्रा जी जिस निष्ठा और सङ्कल्पित-भावना से कार्यभार सम्भाल रहें हैं । वास्तव में इनके सानिध्य में संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार निरन्तर गतिमान है । उत्तरप्रदेश में संस्कृत के लिए इतनी बड़ी-2 योजनाओं और कार्यशालाओं को डॉ मिश्र जी के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सञ्चालित किया जा रहा है । साथ-साथ निरन्तर भाषा-शिक्षकों की नियुक्ति योग्यता और मानदेय पर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा पिछले 3 साल के कार्यकाल में डॉ मिश्रा जी के द्वारा कृत कार्य अधोलिखित हैं।
*प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेरिट के आधार पर एक संस्कृत पाठशाला को कम्प्यूटर, मेज, अलमारी इत्यादि का वितरण ।
*विगत एक वर्ष से संस्कृत विषय के साथ UPSC परीक्षाओं की सम्पूर्ण तैय्यारी पूर्णतया निःशुल्क करा रहा है । संस्कृत-छात्रों के लिए तीन हजार की मासिक अध्येता-वृत्ति भी एतदर्थ दी जा रही है ।
*संस्कृत पाठशाला के छात्रों को छात्रवृत्ति
* डायट केन्द्रों पर प्राइमरी शिक्षकों को संस्कृत सम्भाषण सिखाया ।
* नवोदय विद्यालयों में प्रथम बार संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति के अवसर ।
* नई शिक्षा नीति 2020 पर अंतर्राष्ट्रीय एव अखिल भारतीय वेबिनार ।
*प्रत्येक जिले में योग-ज्योतिष-पौरोहित्य एवं सरल संस्कृत सम्भाषण शिविरों के लघु अवधि के पाठ्यक्रम।