कोरोना का कहर : लॉकडाउन न होने पर ऐसा हो जाता भारत का हाल…
चीन के वुहान शहर से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में त्रासदी मचा दी है। इस खतरनाक वायरस से अब तक 48 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी यह वायरस तेजी से फ़ैल रहा है।
लॉकडाउन को लेकर हुए शोध में सामने आई एक नई बात
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़े के मुताबिक कोरोना वायरस से अबतक 1965 लोग संक्रमित पाए गए हैं जबकि 151 लोगों का इलाज कर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। इस बीच लॉकडाउन को लेकर हुए शोध में एक नई बात सामने आई है।
वायरस से लड़ने को लेकर उम्मीद
एक शोध के मुताबिक लॉकडाउन के 20वें दिन तक कोरोना वायरस के संभावित मामलों में 83 फीसदी तक कमी आ सकती है। यूपी के शिव नादर विश्वविद्यालय के इस अध्ययन से इस वायरस से लड़ने को लेकर उम्मीद जगी है।
अगर ना होता लॉकडाउन तो…
अध्ययन के मुताबिक बंद की वजह से संदिग्ध लक्षण वाले लोगों को एक या दो दिन में ही अलग किया जा रहा है। अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि अगर लॉकडाउन न होता तो संक्रमित लोगों की संख्या 2 लाख 70 हजार 360 तक पहुंच जाती और 5407 लोगों की मौत हो जाती। शिव नादर विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर समित भट्टाचार्य के मुताबिक हम यह भी मानते हैं कि इससे 80 से 90 फीसदी लोग सामुदायिक दूरी में रह रहे हैं।
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या
भट्टाचार्य ने कहा कि इस तरह की आशावादी स्थिति में हमने अनुमान लगाया है कि लॉकडाउन के पहले दिन से लेकर 20वें दिन तक में लक्षण दिखने वाले 83 फीसदी मामले कम हो सकते हैं। यानी इस तरह से संभावित 30,790 में से 3,500 लोग ही संक्रमित होंगे और 619 संभावित मौतों में से 105 ही मौत होंगी। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1965 तक पहुंच गई है जबकि मरने वालों की संख्या 50 है।
देश में बंद की वजह से संक्रमण का खतरा कम
अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि देश में बंद की वजह से संक्रमण का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचार होने की गति धीमी होगी और संक्रमण के मामले कम होंगे। विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर नागा सुरेश विरापु ने कहा कि हमारा अनुमान इस ओर इशारा करता है कि भारत में अगले 10 से 20 दिन में 5000 से 30,790 तक लक्षण वाले मामले हो सकते हैं।