7th Pay Commission: भारत सरकार बदल सकती है रिटायरमेंट की सीमा को, जाने किसको कितना होगा लाभ
भारत सरकार का कहना है कि कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु कम करने पर कोई प्रस्ताव नहीं किया गया है। केंद्र द्वारा इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है कि केंद्र सरकार कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु कम कर सकती है।
कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ये खबर तेजी से फ़ैल रही है कि मोदी सरकार 33 वर्ष की सेवा या फिर 60 वर्ष के केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायर करने पर योजना बना रही है। अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में अपने भाषण में जानकारी देते हुए कहा कि ‘सरकार 60 वर्ष या 33 वर्ष की सेवा, जो भी पहले हो, पर कोई विचार विमर्श नहीं किया गया है।
सेवानिवृत्ति की उम्र
2018-19 के इकनॉमिक सर्वे में प्रपोसल दिए गये जिसमें केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु को बढ़ाकर 70 वर्ष किए जाने की बात कही गई है। इस पर सरकार द्वारा कोई सिफारिश नहीं की गयी है।इससे पूर्व कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि वर्तमान समय में सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष से घटाकर 58 वर्ष करने का कोई प्रस्ताव नहीं किया गया है।
न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी
वहीँ दूसरी तरफ कर्मचारियों की मांग है कि केंद्र सरकार फिटमेंट फैक्टर और बढ़ाए और न्यूनतम मूल वेतन को 26000 से बढ़ा दे। अगर सरकार इसे लागू कर दे तो केंद्र के वेतन में 8000 रुपए तक की बढ़त हो जाएगी। कर्मचारी चाहते हैं कि उन्हें न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी मिले और साथ साथ फिटमेंट फैक्टर में भी इजाफा दिया जाए। फ़िलहाल फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुणा है, जबकि कर्मचारी इसे 3.68 गुणा करने की मांग कर रहें हैं।
केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी
भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार का क्या फैसला होगा, ये आने वाला वक्त ही बताएगा। फ़िलहाल ऐसा सुनने में आ रहा है कि सरकार नवंबर माह के अंत तक केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी कर सकती है। मोदी सरकार बहुत जल्द ही इस पर अहम फैसला ले सकती है। कर्मचारियों ने मांग की है कि सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत निर्धारित की गयी न्यूनतम आय काफी कम है।