इसरो मुख्यालय पहुंचकर पीएम मोदी ने किया वैज्ञानिकों को संबोधित, कही ये बड़ी बात
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चांद पर लैंडिंग से 2.1 किलोमीटर पहले चंद्रयान का संपर्क इसरो से टूटने के बाद वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने शनिवार की सुबह दोबारा इसरो मुख्यालय पहुंचे।
पीएम मोदी ने कहा कि परिणाम अपनी जगह हैं, लेकिन मुझे और पूरे देश को अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों के प्रयासों पर गर्व है। पीएम मोदी ने कहा कि विज्ञान नई संभावनाओं की नींव रखकर जाता है और हमें असीम सामर्थ्य का अहसास दिलाता है। हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है।
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं। हर प्रयोग, हर प्रयास ज्ञान के नए बीज बोकर जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि पूरे मिशन के दौरान देश अनेक बार आनंदित हुआ है, गर्व से भरा है। इस वक्त भी हमारा ऑर्बिटर पूरी शान से चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है।
वैज्ञानिकों की हिम्मत बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर अपनी शुरुआती चुनौतियों, दिक्कतों से हम हार जाते तो आज इसरो दुनिया की सफल स्पेस एजेंसियों में से एक भी स्थान नहीं ले पाता।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान के सफर का आखिरी पड़ाव भले ही आशा के अनुकूल न रहा हो, लेकिन हमें ये भी याद रखना होगा कि चंद्रयान की यात्रा शानदार रही है, जानदार रही है। इसरो भी कभी न हार मानने वाली संस्कृति का जीता-जागता उदाहरण है।