Navratri 2020 : जानिए किस तरह करें कलश की स्थापना
नवरात्रि पूर्ण रूप से मां दुर्गा को समर्पित होती है और प्रतिपदा से नवमी तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना और उपवास कर माता का आशीर्वाद किया जाता है। नवरात्रि के पर्व पर देवी के नौ शक्ति रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री की पूजा होती है।आपको बता दें कि इस नवरात्रि की कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त केवल चार घंटे दस मिनट तक का है। इसलिए कलश स्थापना मुहूर्त सुबह छह बजकर नौ मिनट से लेकर 10 बजकर 21 मिनट तक के बीच कलश स्थापना करना शुभ रहेगा।विधि:
कलश स्थापना हमेशा प्रातः काल हुई करनी के समय ही करना चाहिए। कलश स्थापना के लिए चावल, सुपारी, रोली, मौली, जौ, सुगंधित पुष्प, केसर, सिन्दूर, लौंग, इलायची, पान, सिंगार सामग्री, दूध, दही, गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्घ घी, वस्त्र, आभूषण, बिल्ब पत्र, यज्ञोपवीत, मिट्टी का कलश, मिट्टी का पात्र, दूर्वा, इत्र, चन्दन, चौकी, लाल वस्त्र, धूप, दीप, फूल, नैवेध, अबीर, गुलाल, स्वच्छ मिट्टी, थाली, कटोरी, जल, ताम्र कलश, रूई, नारियल आदि चीजों की जरूरत पड़ती है। एक मिट्टी के कलश पर स्वास्तिक बना कर उसके गले में मौली बांध कर उसके नीचे गेहूं या चावल डाल कर रखें और उसके बाद उस पर नारियल भी रख दें। इसके बाद मां दुर्गा की उपासना करें। अंत में देवी को प्रसाद का भोग लगाकर और इसे लोगों के बीच बांटकर पूजन का समापन करें।पूजन सामग्री:
पूजा विधि शुरू करने के लिए लाल रंग का आसन माता के लिए तैयार करें। मिट्टी का पात्र लें उसमे साफ की हुई मिट्टी डालें। साफ किये हुए जौ के बीज मिटटी में डालें। इसके साथ ही माता के श्रृंगार के लिए लाल कपड़ा या चुनरी, सिंदूर, फूल और फूल माला लें। मां को अर्पित करने के लिए पूजन सामग्री भी एकत्रित करें जिसमे नवरात्र कलश जो जल से भरा हुआ हो, लाल सत्र, मौली, इलाइची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल और सिक्के ले लें। माता के इन नौ दिन के नवरात्र में अखंड ज्योति ज़रूर जलाएं। नवरात्र शुरू होने से पहले घर पे अशोक या आम के पांच पत्ते की बंधन वार ज़रूर अनकर लगाए।
सावधानियां:
-शास्त्रों के अनुसार भक्तों को नवरात्रि में व्रत के दौरान बाल और दाढ़ी भूलकर भी नहीं कटवाना चाहिए।
-अगर नवरात्रि में कलश की स्थापना आप करते हैं और अखंड ज्योति भी जला रहे हैं, तो इस समय घर को खाली छोड़कर कहीं नहीं जाएं।
-नवरात्रि के पूरे नौ दिन तक नींबू काटना बहुत अशुभ होता है।
-नवरात्रि में व्रत के दौरान दोपहर के समय सोना नहीं चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से व्रत का शुभ फल नहीं मिलता है।
-नवरात्रि पर चमड़े से बनी हुए वस्तुएं जैसे: बेल्ट, बैग और जूते-चप्पल को घर में प्रयोग से बचना चाहिए।
-नवरात्रि में प्याज, लहसुन का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
-नवरात्रि के व्रत के दौरान पूरे नौ दिन काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
-नवरात्रि के उपवास के दौरान अनाज और नमक का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
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