कोस्टा ने मुम्बई सिटी एफसी में जगाई खिताबी जीत की उम्मीद
मुम्बई, 5 मार्च (आईएएनएस)| ऐसा लग रहा था कि मुम्बई सिटी एफसी एक बार फिर हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाएगा लेकिन कोच जॉर्ज कोस्टा ने एक मैच शेष रहते ही अपनी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाकर दम लिया।
मुम्बई सिर्फ एक बार प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर सका है और कभी भी फाइनल में नहीं पहुंचा है। अब जबकि उसके सामने प्लेऑफ में एफसी गोवा है, मुम्बई को फाइनल में जाने के लिए अपना पूरा दमखम लगाना होगा क्योंकि लीग मैचों में गोवा ने मुम्बई के खिलाफ दो मैचों में सात गोल किए हैं और यह आंकड़ा मुम्बई के आगे जाने के रास्ते में बड़ा मनोवैज्ञानिक बाधा बन सकता है लेकिन कोस्टा इन सबके बावजूद आगे जाने को लेकर आश्वस्त हैं।
कोस्टा की टीम ने पूरे सीजन में प्रैगमैटिक अप्रोच के साथ खेल को लिया है और यह काम भी कर गया है। केरल पर 6-1 की जीत के बावजूद मुम्बई की टीम इस सीजन में बेहतरीन टीमों की श्रेणी में शामिल नहीं हो सकी। यह अलग बात है कि उसने प्लेऑफ में जगह बना ली।
कोस्टा की टीम ने इस सीजन में 25 गोल किए हैं जबकि सीजन फेरांडो की टीम ने 29 गोल किए हैं। मुम्बई का सामना ऐसी टीम से होने जा रहा है, जिसने इस सीजन में सबसे अधिक 36 गोल किए हैं।
कोस्टा ने इस सीजन में अपनी टीम को परिणाम हासिल करने के लिए ट्रेन किया और उनका यह तरीका काम भी कर गया। कोस्टा ने कहा, “कोच के तौर पर मैंने हमेशा चाहा की मेरी टीम तीन अंक हासिल करे। यह मेरा ब्रांड ऑफ फुटबाल है।” अब तक मुम्बई के साथ जो हुआ है, उसे देखते हुए लगता है कि उसका यह पुर्तगाली कोच सही कह रहा है।
कोस्टा की टीम गोवा के खिलाफ 0-5 से हार गई थी और उस मैच के बाद कोस्टा का गुस्सा देखने लायक था। कोस्टा ने अंतिम सीटी बजने से पहले ही अपने खिलाड़ियों पर हथियार डालने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि इस तरह का प्रदर्शन उनकी टीम में स्वीकार्य नहीं है। मुम्बई की टीम ने उस मैच के शुरुआती 20 मिनट में बेहतर खेल दिखाया था लेकिन उसका कोई मतलब नहीं रह गया था।
उस हार के बाद से मुम्बई की टीम काफी सुधार किया और अच्छा खेलते हुए अंक तालिका में शीर्ष तक पहुंची। हालांकि उसे गोवा के खिलाफ दूसरे चरण के मुकाबले में एक बार फिर हार मिली लेकिन उस मैच में उसके कई अहम खिलाड़ी नहीं खेल रहे थे।
तो वह क्या चीज है, जो मुम्बई को सेमीफाइनल में उलटफेर करने का आत्मविश्वास देगी? यह वही टीम है, जिसने अजेय बेंगलुरू एफसी को हराया था।
कोस्टा की रणनीति में डिफेंस का अहम किरदार है। उनकी टीम का संयोजन भी रक्षात्मक है। यह टीम काउंटर अटैक पर यकीन करती है। रक्षात्मक रहते हुए तेजी से आक्रमण करना मुम्बई की आदत रही है और इस सीजन में इस आदत से उसे काफी फायदा हुआ है। बेंगलुरू के साथ भी यही हुअ था, जब उसे बेंगलुरू को उस समय 1-0 से हराया था, जब वह सीजन-5 में अजेय चल रही थी।
ऐसे में जब गोवा जैसी मजबूत टीम का सामना करना हो तो कोस्टा का प्रैगमैटिक अप्रोच मुम्बई सिटी के काफी काम आ सकता है।