IANS

मोदी सरकार एक राष्ट्रीय आपदा : शरद पवार

 नासिक (महाराष्ट्र), 4 मार्च (आईएएनएस)| नरेंद्र मोदी सरकार को एक ‘राष्ट्रीय आपदा’ करार देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को एक संयुक्त विपक्ष के लिए फिर से अपील की, ताकि आगामी आम चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती दी जा सके।

 पवार ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, “मोदी सरकार एक राष्ट्रीय आपदा है और सत्ता में बने रहने के लिए वह अब हर तिकड़म करेगी। राकांपा के सभी कार्यकर्ता उनकी तिकड़म से सतर्क रहें और उन्हें सत्ता में आने से रोकें।”

उन्होंने कहा कि पिछले साल तीन राज्यों -राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़- में विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद “मोदी ने मतदाताओं के मूड में बदलाव को समझ लिया है।”

पवार ने प्रधानमंत्री पर सीमित दृष्टिकोण होने का आरोप लगाते हुए चेताया कि यदि भाजपा फिर से सत्ता में आती है तो देश एक तानाशाही में फंस जाएगा और देश के नागरिक सभी लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित हो जाएंगे।

पुलवामा हमले के बाद सीमा पर पैदा हुए हाल के संकट का जिक्र करते हुए राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि अब भाजपा हमारे सैनिकों की कुर्बानी का चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रही है, जो बेहद शर्मनाक है।

उन्होंने कहा, “मोदी दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान को भूल गए हैं, जिन्होंने न सिर्फ इतिहास रचा, बल्कि भूगोल भी लिखा, जब उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश का गठन किया। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मोदी जब भी इन नेताओं के बारे में बात करें, उन्हें संयम बरतना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि पुलवामा संकट के बाद देश के पूरे विपक्ष ने सरकार को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और सीमा पार शत्रु से निपटने के लिए उसके साथ खड़ा रहने का वादा किया।

पवार ने सवाल किया, “बहादुर जवानों ने देश के लिए अपने जान की कुर्बानी दी, और भारतीय वायुसेना ने एक मुंहतोड़ जवाब दिया। लेकिन अब भाजपा सशस्त्र बलों के काम का श्रेय लेने को आतुर है। कोई बताए, इसमें भाजपा का योगदान क्या था?”

उन्होंने राकांपा कार्यकर्ताओं से कहा कि ईवीएम मशीनों पर कड़ी नजर रखें, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ईवीएम मशीनों पर संदेह नहीं है, बल्कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों के इरादों पर संदेह है।

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