जैश का गढ़ था बालाकोट
नई दिल्ली, 26 फरवरी (आईएएनएस)| पुलवामा हमले के बाद भारत ने जब कार्रवाई का फैसला किया था तब जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ होने के कारण पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा स्थित बालाकोट भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर था।
खुफिया एजेंसियों को पूरा विश्वास था कि पुलवामा हमले की योजना भी बालाकोट में बनाई गई थी। इसके अलावा मसूद अजहर के बेटे अब्दुल्लाह और पुलवामा हमले के मुख्य साजिशकर्ता गाजी ने भी यहीं से प्रशिक्षण लिया था।
नियंत्रण रेखा से दूर होने के कारण बालाकोट आतंकवादी प्रशिक्षण के लिए सुरक्षित है। यहां तक कि नियंत्रण रेखा पर भारतीय गश्ती दल पर हमला करने वाले पाकिस्तानी सेना के सीमा कार्रवाई दल (बीएटी) ने बालाकोट में ही प्रशिक्षण लिया है।
हमला करने से पहले भारतीय वायुसेना ने वहां संशय पैदा कर दिया, क्योंकि बताया गया कि वायुसेना का मुख्य लक्ष्य बहवलपुर स्थित जैश का मुख्यालय था। पाकिस्तानी एजेंसियां बहवलपुर को बचाने में व्यस्त थीं, जबकि हमले का केंद्र बालाकोट था।
हवाई हमले के बाद क्षेत्र में कोई गतिविधि नहीं देखी गई है और भारतीय एजेंसियों ने बलों की गतिविधियों से संबंधित कोई रेडियो बातचीत नहीं सुनी है।