जेके टायर हिमालयन ड्राइव बुधवार से
सिलिगुड़ी, 26 फरवरी (आईएएनएस)| देश की एकमात्र मल्टी नेशन टीडीएस रैली-जेके टायर हिमालयन ड्राइव की शुरुआत बुधवार को होगी। इस रैली में 50 टॉप चालकों के बीच खिताब के लिए टक्कर होगी।
एक्सपीरिएंस बंगाल (पश्चिम बंगाल टूरिज्म) के सहयोग से आयोजित की जाने वाली इस 800 किलोमीटर की जेके टायर हिमालय ड्राइव 7 रैली में प्रतिस्पर्धी अपनी गाड़ियों पर चार दिनों तक पश्चिम बंगाल के मनोरम दार्जिलिंग और भूटान के कठिन रास्तों से गुजरेंगे।
यह टीडीएस ड्राइव पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उस सोच से प्रेरणा हासिल करती है, जिसके तहत वह यहां रह रहे लोगों को पड़ोसियों के साथ जोड़ने की बात कहती रही हैं। इस रैली में अलग तरह के रास्तों से चालक गुजरेंगे। इन रास्तों में टामराक, रिवर बेड्स, डर्ट ट्रैक्स, फॉरेस्ट पाथ्स और माउंटेन रोड्स शामिल हैं।
पूरा रूट चालकों के लिए चुनौती पेश करेगा। भूटान के पारों में उनकी कड़ी परीक्षा होगी, जहां बर्फबारी की आशंका जताई गई है।
जेके मोटरस्पोर्ट के प्रमुख संजय शर्मा ने कहा, “हम इस आयोजन को लेकर रोमांचित हैं। यह भारत का एकमात्र इंटरनेशनल टीडीएस ड्राइव है और यह टॉप चालको को अपनी क्षमता तक प्रदर्शन करने का मौका देता है। इससे इस क्षेत्र में मोटरस्पोर्ट को काफी बढ़ावा मिलेगा।”
चालक सिलिगुड़ी में आयोजित होने वाले फ्लैग ऑफ सेरेमनी के बाद पश्चिम बंगाल के वनों, नदी तटों और तटवर्ती कस्बों से गुजरते हुए मूर्ति तक जाएंगे।
दूसरे लेग में चालक मूर्ति से अपना सफर शुरू करेंगे और पारो तक जाएंगे। इस दौरान वे चाय के बागानों और वनों से गुजरेंगे। यह रॉयल बंगाल टाइगर, वन हार्न राइनो और एशियाटिक एलिफेंट का निवास स्थान है। इसके बाद चालक पुएंत्शोलिंग के रास्ते भूटान में प्रवेश करेंगे।
पुएंत्शोलिंग से चालक पारो घाटी में प्रवेश करेंगे। तीसरे दिन चालक पारो घाटी को पार करते हुए वापसी के रस्ते में डूआर्स पहुंचेंगे और क्लीमपोंग पहुंचने से पहले तीस्ता नदी पर हने आइकोनिक कोरोनेशन ब्रिज को पार करेंगे।
अंतिम चरण में शनिवार को चालक क्लीमपोंग से नीचे उतरेंगे और तीस्ता पुल पार करते हुए मुंगपो, जोरेबंग्लो और कर्सेयोंग पहुंचेंगे। समतल पर आने के बाद चालक दुधिया और पानीघट्टा जाएंगे और एशियन हाइवे 2 को छूने से पहले नक्सलबाड़ी को छुएंगे। यहां से चालक नेशनल हाइवे 27 होते हुए सिलिगुड़ी में अपना सफर समाप्त करेंगे।