भारत में मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाओं पर बनी फिल्म ने जीता ऑस्कर (लीड-2)
लॉस एंजेलिस, 25 फरवरी (आईएएनएस)| भारत में मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाओं पर आधारित फिल्म ‘पीरियड : एंड ऑफ सेंटेंस’ ने 91वें अकादमी पुरस्कार समारोह में डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट की श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कार हासिल किया है।
फिल्म का सह-निर्माण भारतीय फिल्मकार गुनीत मोंगा की सिखिया एंटरटेनमेंट कंपनी द्वारा किया गया है। फिल्म भारत में मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाओं के खिलाफ महिलाओं की लड़ाई और असल जिंदगी के ‘पैडमैन’ अरुणाचलम मुरुगनाथम के काम पर बात करती है।
इस जीत से उत्साहित मोंगा न कहा, “भारत में या दुनिया भर में हर लड़की को यह जानने की जरूरत है। पीरियड एक वाक्य का अंत है लेकिन एक लड़की की शिक्षा का नहीं।”
उन्होंने कहा, “अधिक महिला शक्ति की जरूरत है.. मैं वास्तव में चाहती हूं कि हर लड़की को पता चले कि उनमें से हर एक देवी है। अब हमारे पास एक ऑस्कर है..चलो दुनिया को बदल दें।”
ईरानी-अमेरिकी फिल्मकार रेका जेहताबची द्वारा निर्देशित फिल्म का निर्माण लॉस एंजेलिस के ओकवुड स्कूल के विद्यार्थियों के एक समूह और उनकी शिक्षिका मेलिसा बर्टन द्वारा स्थापित द पैड प्रोजेक्ट द्वारा किया गया है।
रायका जेहताबची ने कहा, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मासिक धर्म पर बनीं फिल्म को ऑस्कर मिला है।”
26 मिनट की फिल्म उत्तरी भारत के हापुड़ की लड़कियों और महिलाओं और उनके गांव में पैड मशीन की स्थापना के ईद-गिर्द घूमती है। इस पुरस्कार के लिए ‘पीरियड : एंड ऑफ सेंटेंस’ का मुकाबला नस्लवाद पर बनीं ‘ब्लैक शीप’, चिकित्सीय सफलताओं पर आधारित ‘एंड गेम’, शरणार्थी संकट पर बनीं ‘लाइफबोट’ और 1939 में न्यूयॉर्क में नाजी रैली पर आधारित ‘ए नाइट एट द गार्डन’ के साथ था।
इस पुरस्कार को लेने के लिए रेका जेहताबची और बर्टन मंच पर पहुंची।
रायका जेहताबची ने कहा, “गुनीत मोंगा..आप दुनिया भर में महिलाओं को मासिक धर्म की समानता की लड़ाई के लिए सशक्त कर रही हैं।”
बर्टन ने यह पुरस्कार अपने स्कूल को समर्पित करते हुए कहा, “इस परियोजना का जन्म इसलिए हुआ क्योंकि लॉस एंजिलिस के मेरे विद्यार्थी और भारत के लोग बदलाव लाना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं इस पुरस्कार को फेमिनिस्ट मेजोरिटी फाउंडेशन, पूरी टीम और कलाकारों के साथ साझा करती हूं। मैं इसे दुनिया भर के शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ साझा करती हूं।”