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सपा, बसपा की मानसिकता सहकारी समितियों पर कब्जा करने की रही : अमित शाह

लखनऊ, 23 फरवरी (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर हमला बोलते हुए कहा कि सहकारी समितियों पर कब्जा करने की मानसिकता सपा और बसपा की रही है, भाजपा की नहीं। शाह लखनऊ के डॉ. राममनोहर लोहिया सभागार में सहकारी सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व उत्तर प्रदेश प्रभारी जे.पी. नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडे भी मौजूद रहे।

शाह ने कहा, “सहकारी समितियों पर कब्जा सपा, बसपा की मानसिकता हो सकती है, भाजपा की नहीं है। सपा-बसपा, बसपा-सपा के क्रम ने सूबे के प्रशासनिक ढांचे को चरमरा दिया था। अब राज्य के सहकारिता के संस्कार को पुनर्जीवित करना है। 22 करोड़ की जनता हमसे अपेक्षा कर रही है। उत्तर प्रदेश में सहकारिता की संभावना सबसे ज्यादा है, ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं को इस दिशा में काम करना चाहिए।”

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी कहा कि गरीबों और किसानों को मजबूत करने के लिए सहकारिता आंदोलन की प्रमुख भूमिका रही है। सहकारिता का मुख्य उद्देश्य व्यापारियों के शोषण से किसानों को बचाना है। इस सहकारिता आंदोलन को सरदार पटेल ने आगे बढ़ाने का काम किया था।

अमित शाह ने कहा, ” मोदी सरकार ने किसानों के विकास का बहुत काम किया है। चीन को पछाड़कर भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हो गई है। मोदी देश के किसानों के मसीहा बनकर आए हैं। मोदी जी ने देश मे बड़े परिवर्तन की नींव डाली है।”

उन्होंने कहा कि गरीब से गरीब किसान को मजबूत बनाने के लिए सहकारिता आंदोलन की प्रमुख भूमिका है। शाह ने कहा कि मोदी जी कल (रविवार) गोरखपुर में 15 करोड़ किसानों को 75 हजार करोड़ की सौगात देंगे।

उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ वादे नहीं किए, मोदी सरकार किसानों के लिए काम कर रही है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से उत्तरप्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए काम करने का आह्वान किया।

कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव में राज्य की 80 में से 74 प्लस सीटों का लक्ष्य देते हुए अमित शाह ने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में 74 से ज्यादा सीट जिताकर मोदी जी को प्रचंड बहुमत देना है।

शाह ने कहा, “संप्रग सरकार के समय सहकारिता के माध्यम से किसानों को मात्र 23,635 करोड़ रुपये दिए गए थे लेकिन मोदी सरकार ने सहकारिता के माध्यम से 73,051 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की है।”

वहीं इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “सहकारिता आंदोलन की भूमिका विकास में सबसे बड़ी हो सकती है। उत्तर प्रदेश में सहकारिता आंदोलन बदनाम था। 15 वर्षों के कुशासन से सूबे में सहकारिता आंदोलन को क्षति पहुंची है। सहकारी बैंक सामान्य कार्य करने की स्थिति में आ गए हैं।”

योगी ने कहा कि सहकारिता में गलत लोगों का प्रवेश हो गया था। गांव में सहकारिता आंदोलन के माध्यम से खुशहाली आ सकती है।

 

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