IANS

100 घंटे के अंदर पुलवामा का बदला लिया गया : सेना

श्रीनगर, 19 फरवरी (आईएएनएस)| भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि उसने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के 100 घंटे के भीतर ही जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के शीर्ष नेतृत्व का कश्मीर घाटी से सफाया कर दिया। राज्य पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सेना के 15 कॉर्प्स के बदामीबाग छावनी मुख्यालय में चिनार कार्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. ढिल्लों ने कहा, “पुलवामा में आतंकवादी हमले के 100 घंटे से भी कम समय में हमने पाकिस्तानी सेना व आईएसआई से सीधे तौर पर संचालित किए जा रहे जेईएम के शीर्ष नेतृत्व का सफाया कर दिया है।”

ढिल्लों ने कहा, “हम 14 फरवरी से जेईएम के शीर्ष कैडर की ट्रैकिंग कर रहे थे। पुलवामा आतंकवादी हमला पाकिस्तान में जेईएम कैडर व पाकिस्तान सेना द्वारा संचालित किया गया।”

पुलवामा जिले में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने पिंगलेना गांव में आतंकवादियों के एक ठिकाने को घेर लिया, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई, जो रविवार की रात भर चली और रुक-रुक कर सोमवार की शाम तक चली।

इसमें पाकिस्तान समर्थित जेईएम के तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। इसमें से दो पाकिस्तानी नागरिक थे, जिनकी पहचान कामरान व अब्दुल राशिद उर्फ गाजी उमर के रूप में हुई है। आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में एक मेजर, तीन जवान शहीद हो गए व एक नागरिक भी मारा गया।

ढिल्लों ने कहा, “बीते रोज (सोमवार को) पुलवामा में अभियान के दौरान हमने कामरान को मार गिराया। कामरान, एक अन्य पाकिस्तानी के साथ जेईएम का कश्मीर में ऑपरेशनल कमांडर था।”

सोमवार के अभियान को लेकर कॉर्प्स कमांडर ने कहा कि यह सेना, राज्य पुलिस व सीआरपीएफ के बीच पूर्ण तालमेल का परिणाम है।

घाटी के सबसे वरिष्ठ सेना अधिकारी ने पुलवामा आतंकवादी हमले में किसी तरह की सुरक्षा चूक मानने से इनकार किया।

ढिल्लों ने कहा कि नागरिक यातायात को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं था, जब अकेला आतंकवादी राजमार्ग तक पहुंचने में कामयाब रहा और सीआरपीएफ बस को उड़ा दिया।

उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों के काफिले के आवागमन के दौरान अब प्रतिबंध है।”

रविवार व सोमवार को अभियान के दौरान सुरक्षा कर्मियों के मारे जाने व घायल होने की संख्या के बारे में पूछे जाने पर कॉर्प्स कमांडर ने कहा कि सुरक्षा बल हताहत होते हैं क्योंकि उनकी पहली प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होता है कि किसी नागरिक की जान नहीं जाए।

उन्होंने कहा, “इलाके के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने जख्म अपने ऊपर लिया।”

उन्होंने कहा, “आप सभी जानते हैं कि अभियान के शुरू होने के दौरान एक नागरिक के मरने के अलावा, सुरक्षा बलों ने सुनिश्चित किया कि इस तरह के लंबे अभियान के दौरान कोई नागरिक हताहत नहीं हो।”

उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी हमेशा सामने से अभियान की अगुवाई करते हैं। ब्रिगेडियर हरबीर सिंह के साथ पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) (दक्षिण कश्मीर) अमित कुमार सोमवार को घायल हो गए। अमित कुमार सोमवार को छुट्टी पर थे।”

उन्होंने कहा, “वह अपनी छुट्टी में कटौती कर सीधे अभियान स्थल पर पहुंचे। ब्रिगेडियर व डीआईजी के स्वास्थ्य में सेना के बेस अस्पताल में तेजी से सुधार हो रहा है और वे खतरे से बाहर हैं।”

राज्य में आंतकवादी गतिविधियों से सहानुभूति रखने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, “जो कोई भी देश के खिलाफ बंदूक उठाएगा, उसका सफाया कर दिया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “मैं कश्मीरी युवाओं के माता-पिता, खास तौर से माताओं से एक बात कहना चाहूंगा क्योंकि मैं समझता हूं कि उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है, आप के जरिए मैं आपके बेटों को आत्मसमर्पण करने व उनसे मुख्यधारा में शामिल होने का आग्रह करता हूं।”

 

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