भारत ने की जाधव को शीघ्र रिहा करने की मांग
हेग, 18 फरवरी (आईएएनएस)| भारत ने पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कुलभूषण जाधव को रिहा करने की मांग करते हुए सोमवार को यहां अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष कहा कि जाधव को लगातार हिरासत में रखना अवैध है और पाकिस्तान ने 1963 की वियना संधि व अन्य प्रोटोकोल का गंभीरता से उल्लंघन किया है। भारत ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जासूसी के एक कथित मामले में मृत्युदंड दिए गए जाधव से दूतावास के संपर्क किए जाने पर भी जोर दिया। भारत ने पाकिस्तान पर 13 बार स्मरण कराए जाने के बावजूद उनको राजनयिक संपर्क नहीं देने का आरोप लगाया।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष अब्दुलकावी अहमद यूसुफ की अध्यक्षता वाली अदालत के समक्ष दलील देते हुए भारत के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि बैगर दूतावास की पहुंच के जाधव की लगातार हिरासत को अवैध घोषित किया जाए और अदालत द्वारा उनकी रिहाई का आदेश दिया जाए।
उन्होंने कहा, “अन्य बातों पर विचार करने के साथ-साथ इस बात पर गौर किया जाए कि उनको तीन साल तक मानसिक आघात दिया गया है। न्याय के हक में और मानवाधिकार को हकीकत बनाते हुए अदालत को उनकी रिहाई का आदेश देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान इसे प्रचार के औचार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
भारत और पाकिस्तान द्वारा मामले में अपने पक्ष व प्रतिपक्ष में अदालत में जवाब दाखिल किए जाने के बाद साल्वे अपनी दलील दे रहे थे। अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने मई 2017 में जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी।
साल्वे ने कहा, “मुझे खुद गर्व है कि मैं यहां एक निर्दोष भारतीय को बचाने के लिए भारत का पक्ष रख रहा हूं। भारत के पक्ष का जो आधार है उसमें पहला मसला वियना संधि की रचना से संबंधित है, क्योंकि दूतावास की पहुंच की अनुमति नहीं दी गई है।”