हिमाचल बांध का निर्माण कार्य इस साल शुरू होगा : जयराम ठाकुर
शिमला, 13 फरवरी (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को कहा कि राज्य में जल संग्रहण बांध का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक शुरू होगा। यह बांध राष्ट्रीय राजधानी और पांच अन्य राज्यों को जल मुहैया कराएगा। रेणुकाजी बांध बहुउद्देशीय परियोजना की लागत करीब सात हजार करोड़ रुपये होगी।
विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य परियोजना से प्रभावित लोगों की देखभाल करेगा।
यह बांध उत्तराखंड से सटे सिरमौर जिले के ऊपरी यमुना बेसिन में गिरि नदी पर बनाया जाएगा।
यह हिमाचल प्रदेश के लिए 40 मेगावॉट बिजली भी पैदा करेगा और राज्य के अलावा दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की पानी व सिंचाई जरूरतों को पूरा करेगा।
अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि बांध के निर्माण से राज्य में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे।
फिलहाल, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है और राज्य सरकार ने निचली अदालत द्वारा भूमि मुआवजा बढ़ाने के आदेश को राज्य उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। मामला अभी लंबित है।
रेणुका बांध जन संघर्ष समिति के बैनर तले इकठ्ठा हुए परियोजना से प्रभावित ग्रामीणों ने आईएएनएस को बताया कि सरकार ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करने से पहले उन्हें विश्वास में नहीं लिया।
वे 37 गांवों के 700 से अधिक परिवारों के प्रभावित होने का दावा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्रीय जल आयोग ने 2015 में अनुमान के मुताबिक परियोजना की लागत 4,596.76 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी थी।
उन्होंने कहा, “अब जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा कायाकल्प मंत्रालय के निर्देश पर एक और अनुमान लगाया जा रहा है और इस पर लगभग 7,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह अनुमान केंद्रीय जल आयोग के पास अवलोकन के लिए गया हुआ है।”
लागत अनुमान समाप्त होने के बाद परियोजना को मंजूरी के लिए तकनीकी सलाहकार समिति के पास भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा, “अंत में परियोजना प्रस्ताव को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद ही केंद्र सरकार परियोजना के लिए फंड आवंटित करेगी।”
आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि बांध के निर्माण से गिरि नदी का प्रवाह लगभग 110 प्रतिशत बढ़ जाएगा, जो कि लाभार्थी राज्यों की पेयजल जरूरतों को पूरा करेगा।
केंद्र परियोजना की सिंचाई व पीने के पानी के अंशों की 90 प्रतिशत लागत प्रदान करेगा और बाकी 10 प्रतिशत छह राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा।
रेणुका बांध का पानी यमुना नदी में छोड़ा जाएगा, जहां से वह हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज तक जाएगा और अंत में दिल्ली पहुंचेगा।