सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से फिर चूकेगी : चिदंबरम
नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)| पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अपने बाकी के कार्यकाल में जितने भी प्रयास कर ले, वह भारत की अर्थव्यवस्था की ‘खस्ताहाली’ को ठीक नहीं कर सकती और उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 3.3 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को भी चूक जाएगी।
चिदंबरम ने यहां मीडिया से कहा, “मोदी सरकार अगले 60 दिनों में ऐसा कुछ नहीं कर पाएगी, जो अर्थव्यवस्था की हालत को बदल दे। अर्थव्यवस्था की हालत खस्ताहाल बनी रहेगी, हरेक संकेत चिंताजनक हैं और यह सरकार अगले 60 दिनों में ऐसा कुछ कर पाने की हालत में नहीं है, जिससे अर्थव्यवस्था में सुधार आए।”
उन्होंने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और प्रत्यक्ष कर संग्रह में आई गिरावट की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा कि सरकार के लिए राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 फीसदी तक सीमित रखने के लक्ष्य को प्राप्त करना मुश्किल है।
उन्होंने कहा, “उनका जीएसटी संग्रह लक्ष्य से चूक रहा है और प्रत्यक्ष कर संग्रह भी बजट अनुमानों से कम हो रहा है। पिछले साल (वित्त वर्ष 2017-18) वे राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाए थे और 0.3 फीसदी से चूक गए थे, जबकि 3.2 फीसदी रखा गया था और उन्होंने 3.5 फीसदी प्राप्त किया। इस साल भी वे 3.3 फीसदी का लक्ष्य चूकेंगे।”
इन अटकलों के बारे में कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले किसानों के कल्याण के लिए घोषणाएं कर सकती है। चिदंबरम ने कहा, “अब यह खुला राज है कि पिछले साढ़े चार साल में कुछ नहीं किया। लेकिन अब वोट के लिए थोड़ा-बहुत कुछ कर देंगे। वे इस पर धन खर्च करने की कोशिश करेंगे, जो उनके पास नहीं है।”