पंजाब : 2018 में 3 लाख से अधिक नशेड़ियों का उपचार हुआ
चंडीगढ़, 15 जनवरी (आईएएनएस)| पंजाब में वर्ष 2018 में तीन लाख से अधिक नशे के लती लोगों का उपचार किया गया और 63 हजार से ज्यादा का उपचार अभी भी किया जा रहा है, जिसमें से 25 हजार हेरोइन के आदी हैं। पुलिस महानिदेशक (विशेष कार्यबल) मोहम्मद मुस्तफा ने यहां मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि प्रतिधारण दर 91.71 फीसदी है।
राज्य द्वारा अप्रैल 2017 में विशेष कार्यबल का गठन किया था। कार्यबल ने नशे के इस खतरे से मुकाबला करने के लिए आचरण, व्यसन मुक्ति और रोकथाम (ईडीपी) की त्रिस्तरीय रणनीति लागू कर रखी है।
इस कार्ययोजना का नाम कॉम्प्रेंहेंसिव एक्शन अगेंस्ट ड्रग एब्यूज है, जिसका मकसद एंफोर्समेंट के जरिए मादक पदार्थो की आपूर्ति पर रोक लगाना और व्यसन मुक्ति व रोकथाम के जरिए मांग को कम करना है।
मुस्तफा ने कहा कि एक बहुस्तरीय निगरानी व कार्यान्वयन तंत्र स्थापित कर दिया गया है। मादक पदार्थो पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट उपसमिति इसकी निगरानी कर रही है।
उन्होंने कहा कि 168 आउटपेशेंट ओपिऑयड असिस्टेड ट्रीटमेंट क्लीनिक में आउटपेशेंट उपचार किया जा रहा है, जो कि एक बड़ी सफलता है।
छात्रों को मादक पदार्थो के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए बड़ी परियोजना लागू की गई है।
करीब पांच लाख ड्रग एब्यूज प्रीवेंशन अधिकारियों ने पंजीकरण कराया है और 1,500 क्लस्टर समन्वयक व 15 हजार नशा रोकथाम निगरानी समितियों को 523 मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत 329 मास्टर प्रशिक्षक तीन लाख स्कूली शिक्षकों और कॉलेज लेक्चरार को प्रशिक्षण दे रहे हैं, जो लगभग 40 लाख विद्यार्थियों को कौशल प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि 27 लाख विद्यार्थियों को पहले ही कवर किया जा चुका है।