मप्र : हिना के पिता की हत्या नक्सलियों ने की थी!
भोपाल/बालाघाट, 14 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के बालाघाट में लगभग दो दशक पहले नक्सलियों का शिकार बने तत्कालीन सरकार के मंत्री लिखीराम कांवरे की बेटी विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे फॉलो वाहन को मारी गई टक्कर को नक्सली जोड़कर देखा जा रहा है। इस मामले पर राज्य सरकार भी गंभीर है और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांवरे से बात भी की है।
रविवार की रात बालाघाट जिले के लॉजी क्षेत्र में विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे के फॉलो वाहन को ट्रक द्वारा मारी गई टक्कर में तीन पुलिसकर्मियों सहित चार लोगों की मौत हो गई थी। शुरू में इसे सामान्य हादसा माना जा रहा था, मगर अब जो बातें सामने आ रही हैं, उसने सरकार की चिताएं बढ़ा दी हैं। नई बात जो सामने आई है, वह यह है कि कांवरे को पिछले दिनों एक धमकी भरा पत्र आया था, जिसमें रकम मांगते हुए धमकी दी गई थी।
हिना कांवरे के पिता लिखीराम कांवरे दिग्विजय सिंह की सरकार में परिवहन मंत्री हुआ करते थे। दिसंबर, 1999 में नक्सलियों ने घर से निकालकर उनकी हत्या कर दी थी। अब उनकी बेटी के फॉलो वाहन के साथ हुए हादसे को भी साजिश की नजर से देखा जा रहा है।
हिना कांवरे के मुताबिक, उनके पास पिछले दिनों एक पत्र आया था, जिसमें धमकी दी गई थी। वह पत्र अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सौंप दिया गया था। उसी आधार पर सुरक्षा भी बढ़ाई गई थी। हिना ने इस पत्र को गंभीरता से नहीं लिया था।
इस घटना को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने स्वयं हिना से बात की और नक्सली धमकी तथा हादसे में मारे गए पुलिस जवानों के संदर्भ में चर्चा की।
उधर, भाजपा ने रविवार की रात को हुए सड़क हादसे को लेकर सवाल उठाए हैं। पार्टी के नेता राहुल कोठारी ने ट्वीट किया, “सुश्री हिना कांवरे के काफिले के साथ बालाघाट में हुई भीषण दुर्घटना एवं सुरक्षाकíमयों की मौत की जांच तत्काल एसआईटी से कराई जाए। कहीं कांग्रेस सरकार के आते ही मध्यप्रदेश में नक्सलवाद फिर से हावी तो नहीं हो गया?”
राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने यहां हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बालाघाट नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, शंकास्पद स्थिति है, गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा है कि जांच कराई जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, “विस उपाध्यक्ष के काफिले में शामिल, सड़क हादसे में हताहत 4 सुरक्षाकíमयों को श्रद्धांजलि अíपत करता हूं। मैं सरकार से मांग करता हूं कि इन्हें शहीद का दर्जा, परिजनों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि व परिवार के एक सदस्य को नौकरी प्रदान की जाए, जैसा हमारी सरकार में प्रावधान था।”