कृषि उत्पादों का महज 10 फीसदी का ही प्रसंस्करण : मंत्री
ग्रेटर नोएडा, 14 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सोमवार को कहा कि भारत की 60 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर करती है, देश के कुल उत्पादन का महज 10 फीसदी का ही उपयोग प्रसंस्करण उद्योग में होता है और उपज का एक बड़ा हिस्सा खराब हो जाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा कृषि उपज का प्रसंस्करण हो और किसानों को अपनी फसलों का लाभकारी मूल्य मिले।
हरसिमरत कौर बादल ग्रेटर नोएडा एक्सपो सेंटर में ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (टीपीसीआई) द्वारा आयोजित ‘इंडस फूड’ के दूसरे संस्करण के उद्घाटन के दौरान यहां देश-विदेश से आए कारोबारियों को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य व पेय पदार्थो की विदेशों में जबरदस्त मांग है और भारत दुनिया में कई उत्पादों के सबसे बड़े उत्पादकों में शुमार है। उन्होंने कहा कि भारत की चाय दुनियाभर में मशहूर है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंडस फूड और वर्ल्ड फूड जैसे आयोजनों से क्रेता-विक्रेताओं को व्यापारिक सौदे के लिए अच्छा अवसर प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन मिलने से किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिलेंगे, जिससे उनकी आय दोगुनी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इस दिशा में कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए फूडपार्क, कोल्डचेन समेत आधारभूत संरचनाओं के विकास पर बल दिया है।
टीपीसीआई की विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में एक अरब डॉलर का निवेश हुआ है।
वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और इंडस फूड आयोजन समिति के चेयरमैन संतोष सारंगी ने कहा कि इंड्स फूड को वैश्विक खाद्य मेला के तौर पर मान्यता मिल रही है। पिछले साल इसके पहले संस्करण में जहां 400 वैश्विक कंपनियां आई थी तो इस बार यह संख्या 800 से अधिक पहुंच गई है।
टीपीसीआई के अध्यक्ष मोहित सिंघला ने कहा कि इंड्स फूड-2 का मुख्य लक्ष्य छोटे व मंझोले उद्योग के लिए निर्यात बढ़ाने का अवसर उपलब्ध कराना है। इसके लिए खरीदार को उनके द्वार पर लाया गया है।
सिंघला ने कहा कि इंड्स फूड 2019 वैल्यू एडेड और ऑर्गेनिक उत्पाद केंद्रित मेला है। उन्होंने कहा कि भारत ऑर्गेनिक उत्पादों के मामले में दुनिया का अग्रणी देश और यहां आर्गेनिक उत्पादकों की संख्या सबसे अधिक है और करीब 11 लाख से अधिक किसान आर्गेनिक या जैविक उत्पाद पैदा करते हैं।