उप्र : सभी सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस लेकिन धर्मनिरपेक्ष दलों के लिए दरवाजे खुले
लखनऊ, 13 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन में शामिल नहीं की गई कांग्रेस ने रविवार को कहा कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
लेकिन, पार्टी ने साथ ही जोर दिया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने की मंशा रखने वाले धर्मनिरपेक्ष दलों के लिए उसके दरवाजे खुले हैं। सपा और बसपा द्वारा गठबंधन की घोषणा करने के एक दिन बाद कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी का गठबंधन का हिस्सा नहीं बनना एक तरह से अप्रत्यक्ष बेहतरीन बात है क्योंकि इससे उसे राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का अवसर मिला है।
आजाद ने यहां मीडिया को बताया, “उलटे, हमारी पार्टी खुश है..क्योंकि अगर गठबंधन होता तो हमें 25 से 30 सीटों पर संतोष करना पड़ता। लेकिन, अब हम सभी सीटों पर लड़ रहे हैं। हम पूरी तरह से तैयार हैं और हम सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।”
उन्होंने कहा, “हम सभी 80 सीटों पर लड़ने के लिए तैयार हैं लेकिन किसी भी धर्मनिरपेक्ष दल या पार्टियां, जिन्हें हम भाजपा के खिलाफ हमारी लड़ाई में हमारे साथ शामिल होने में सक्षम पाते हैं, तो हम उन्हें जगह देने के लिए तैयार हैं। हम ऐसे दलों या पार्टियों का स्वागत करेंगे और हम सीट बंटवारे को लेकर सहमति बनाएंगे।”
सपा और बसपा द्वारा कांग्रेस से किनारा किए जाने के बारे में बात करते हुए आजाद ने कहा, “कांग्रेस ही केवल एकमात्र ऐसी पार्टी है जो मोदी सरकार को उखाड़ फेंक सकती है और भाजपा को हरा सकता है। हम चाहते थे कि भाजपा के खिलाफ हमारी लड़ाई में सभी धर्मनिरपेक्ष दल शामिल हों।”
उन्होंने कहा, “लेकिन, अगर कोई हमारे साथ नहीं चलना चाहता तो उसकी राय है, हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।”
सपा और बसपा द्वारा अमेठी व राय बरेली सीट छोड़ने पर आजाद ने कहा कि दोनों दलों ने पहले भी इन दोनों सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा है।
अमेठी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व राय बरेली संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्वाचन क्षेत्र हैं।
चुनाव बाद गठबंधन की बात से किनारा करते हुए आजाद ने कहा, “यह लड़ाई एक राज्य की नहीं बल्कि यह संसद की लड़ाई है।”
कांग्रेस नेता ने पार्टी के राज्य मुख्यालय में एक बैठक के बाद यह बात कही।
उन्होंने कहा, “हमने पहले भी कहा था कि हम हर उस पार्टी के साथ चलने के लिए तैयार हैं जो भाजपा को हराना चाहती है। लेकिन, हम किसी को मजबूर नहीं कर सकते। उन्होंने (सपा-बसपा ने) इस अध्याय को बंद कर दिया है, इसलिए हम अपने बलबूते भाजपा को हराने की लड़ाई जारी रखेंगे।”
यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के लिए अन्य दलों के साथ बातचीत कर रही है, आजाद ने कहा, “पिछले 3-4 वर्षों से हम धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ भाजपा के खिलाफ हाथ मिलाने की बात कर रहे हैं। उनमें से कुछ एन. चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा (तेलुगू देशम पार्टी) जैसी पार्टी खुद से इसमें शामिल हो गई हैं। इसलिए हम कुछ दलों के साथ गठबंधन की बात कर रहे हैं या नहीं, इसके बारे में संवाददाता सम्मेलन में बात नहीं की जा सकती।”
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पद के चेहरे पर टिप्पणी से भी इनकार कर दिया और कहा कि सबसे पहले लड़ाई भाजपा को हराने की है।