मप्र विधानसभा में हंगामे के बीच उपाध्यक्ष निर्वाचित, सत्र स्थगित
भोपाल, 10 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के भारी हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक हिना कांवरे को उपाध्यक्ष पद चुन लिया गया।
भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। सदन की कार्यवाही को निर्धारित समय से एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। विधानसभा के चौथे दिन की कार्यवाही ही हंगामे के बीच शुरू हुई। उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इसके चलते विधानसभा की कार्यवाही को दो बार स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवार हिना कांवरे के प्रस्ताव को मंजूर किए जाने और भाजपा के उम्मीदवार का प्रस्ताव पेश न किए जाने पर विधायकों ने हंगामा किया। इसी दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कांवरे को उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया।
भाजपा के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर अलोकतांत्रिक तरीका अपनाने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना कि विधानसभा अध्यक्ष से निष्पक्ष होकर सदन चलाने की उम्मीद थी, मगर ऐसा नहीं हुआ। भाजपा विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया। अब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कांग्रेस का ही हो गया है।
भाजपा ने जगदीश देवड़ा को उम्मीदवार बनाया था, मगर उनका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया। विधानसभा अध्यक्ष भी इसी प्रक्रिया के तहत चुना गया था।
विधानसभा सत्र के चौथे दिन हंगामे के बीच बिना चर्चा के ही 20 हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। उसके बाद कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक चलना थी, मगर सत्र को एक दिन पहले स्थगित कर दिया गया।
राज्य में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव लगभग पांच दशक बाद हुआ और कांग्रेस के एन.पी. प्रजापति को अध्यक्ष चुना गया। अब उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ है।
आमतौर पर राज्य में अध्यक्ष का चुनाव आम सहमति से और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के विधायक को दिए जाने की परंपरा रही है। इस बार अध्यक्ष को लेकर खींचतान हुई और अब उपाध्यक्ष को भी लेकर हंगामा हुआ। इस तरह विधानसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ही कांग्रेस के हो गए हैं ।