नागरिकता संशोधन विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी
नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016 को मंजूरी प्रदान कर दी। इस विधेयक का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए छह अल्पसंख्यक समूहों के अवैध आव्रजकों को नागरिकता प्रदान करना है। इस प्रस्ताव को लेकर असम में बड़ा बबाल मचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा इसपर लोकसभा में रिपोर्ट पेश किए जाने के तुरंत बाद विधेयक को मंजूरी प्रदान की। जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में 31 दिसंबर, 2014 तक असम में प्रवेश कर चुके अल्पसंख्यक आव्रजकों को वैध ठहराने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है, लेकिन सरकार से कहा है कि चूंकि मामला न्यायाधीन है, इसलिए वह सतर्कता से कदम उठाए। रिपोर्ट में सभी कानूनी कदम उठाने को कहा गया है, ताकि बाद में यह परेशानी का सबब न बने।
संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है।
उधर, असम गण परिषद (एजीपी) ने इस मसले को लेकर असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली सरकार से पल्ला झाड़ लिया है। विधेयक को लेकर असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।
भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता वाली 30 सदस्यीय संसदीय समिति के करीब आठ सांसदों ने जेपीसी की रिपोर्ट में अपनी अहसहमति जताते हुए नोट संलग्न किया है। लोकसभा में पेश रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि यह विधेयक असम संधि की भावना के विरुद्ध है और इससे प्रदेश के लोगों में विभाजन और असंतोष पैदा होगा।