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उप्र : बांदा में भूख व ठंड से 7 गौवंशों की मौत

बांदा, 7 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की सदर तहसील के गुरेह गांव में किसानों द्वारा तारबाड़ी लगाकर एक खलिहान में बंद की गई करीब डेढ़ सौ गौवंशों में से रविवार को सात गौवंशों की मौत भूख और ठंड से हो गई है। गुरेह ग्राम प्रधान के पति रामकिशोर उर्फ बद्दा ने सोमवार को बताया कि खेतों में फसल उजाड़ रहे करीब डेढ़ सौ गौवंशों को किसानों ने पिछले दिनों तारबाड़ी लगाकर एक खलिहान में बंद किया था, लेकिन उनके चारा-पानी और ठंड से बचाव के कोई उपाय नहीं किए गए। पिछले रविवार को भूख और ठंड की वजह से चार गाएं और तीन बछड़ों की मौत हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग का कोई अधिकारी सूचना के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचा है।

सदर उपजिलाधिकारी (एसडीएम) थमीम अंसरिया ने बताया कि उन्हें गौवंशों को बंद किए जाने या उनकी मौत होने की कोई जानकारी नहीं है। अधिकारियों का एक दल मौके पर भेजा जा रहा है, जो बाकी बचे गौवंशों के चारा-पानी और ठंड से बचाव का प्रबंध करेंगे।

पशुपालन विभाग के बांदा कार्यालय में तैनात अपर निदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने बताया कि सरकारी गणना के अनुसार सड़कों और खेतों में घूम रहे आवारा गौवंशों की संख्या बांदा जिले में 62,400, चित्रकूट में 70,210, महोबा में 40,456 और हमीरपुर जिले में 28,234 है।

बांदा जिले में राजस्व विभाग की आठ और नगर निकाय की तीन गोशालाओं के अलावा लगभग एक दर्जन निजी गोशालाएं हैं, लेकिन कहीं भी चारा-पानी का सरकारी इंतजाम नहीं है। गोशाला संचालकों की लापरवाही से गायें मर भी जाती हैं तो किसी को सजा नहीं होती, क्योंकि बदले हुए निजाम में गोहत्या की सजा पाने के लिए मुस्लिम होना जरूरी है।

 

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