मप्र में भाजपा चली कांग्रेस की राह!
भोपाल, 6 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी लगता है कि अब कांग्रेस की राह पर चल चुकी है, तभी तो चुनाव के नतीजे आए 25 दिन से ज्यादा का वक्त गुजर गया है और नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं हो पाया है।
अब नेता का चयन तब होगा, जब विधानसभा का सत्र शुरू हो जाएगा। भाजपा राज्य में 15 साल बाद सत्ता से बाहर हुई है और अब पार्टी में विधायकों का नेता बनने के लिए खींचतान जारी है। नेता की दौड़ में मुकाबला तीन ब्राह्मण नेताओं में है। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव और राजेंद्र शुक्ल में से किसी को नेता चुना जाएगा, इतना तो तय है।
भाजपा के प्रदेश कार्यालय में रविवार को पूरे दिन चली बैठक ने एक बात तो साबित कर ही दी है कि सब कुछ सामान्य नहीं है। नेता लगातार मंथन कर रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संवाददाताओं से कहा, “भाजपा के नेता का चयन तो पांच मिनट में कर लिया जाएगा। आज तो सामान्य बैठक हुई।”
भाजपा का नेता बनने की दौड़ से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद को पहले ही अलग कर लिया है। वे कह चुके हैं कि 13 साल मुख्यमंत्री रहे, अब नेता प्रतिपक्ष नहीं बनेंगे। नेता दूसरा विधायक बनेगा। भाजपा के दावेदार नेताओं की अपनी-अपनी खूबियां हैं। पार्टी के नेता का चयन अब राष्ट्रीय नेताओं की मौजूदगी में सात जनवरी की शाम को होगा।
कांग्रेस हमेशा से गुटों में बंटी रही है, यही कारण है कि मुख्यमंत्री, मंत्री और फिर विभागों के बंटवारे को लेकर जमकर खींचतान चली। अब इसी राह पर भाजपा भी चल पड़ी है। यही कारण है कि नेता का चयन अब तक नहीं हो पाया है।