उप्र : महिला आईएएस अधिकारी के ठिकानों पर सीबीआई के छापे
लखनऊ, 5 जनवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। सीबीआई ने शनिवार को हमेशा सोशल मीडिया पर छाई रहने वाली यूपी कैडर की 2008 बैच की सबसे चर्चित महिला आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के लखनऊ स्थित उनके आवास समेत प्रदेश के अन्य जनपदों में भी छापेमारी की। छापे में घर की तलाशी के साथ-साथ सोफे, बेड और छतों की फाल सीलिंग खोल कर तलाशी ली गई।
टीम ने घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं। बी. चंद्रकला पर हमीरपुर में जिलाधिकारी रहते हुए अवैध खनन व अपने चहेतों को खनन पट्टे देने का आरोप है।
दरअसल, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दो साल पहले हाईकोर्ट ने बी.चंद्रकला द्वारा आवंटित सभी मौरंग खनन के पट्टों को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने उनके कार्यकाल के दौरान हुए खनन व पट्टों के आवंटन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसी क्रम में शनिवार की सुबह करीब आठ सीबीआई अधिकारियों ने चंद्रकला के लखनऊ में योजना भवन के समीप स्थित सफायर अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 101 में छापा मारा।
सीबीआई ने इसके अलावा हमीरपुर, जलौन, बुलंदशहर आदि कई जगहों पर भी छापेमारी की है। इनमें हमीरपुर में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष व एमएलसी रमेश मिश्रा व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजीव दीक्षित के आवास व कार्यालय भी शामिल हैं। इसके अलावा कई अन्य खनन माफियाओं के गोदाम में सीबीआई टीम की छापेमारी की गई। कार्रवाई कर बाहर निकले सीबीआई अधिकारियों ने इस संबंध में मीडिया से कोई बात नहीं की।
आरोप है कि आईएएस अधिकारी चंद्रकला ने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे, जबकि ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था, लेकिन बी.चंद्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी।
बताते हैं कि वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे।
याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी के मुताबिक, मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया। 28 जुलाई, 2016 को तमाम शिकायतें व याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।