सवालों के जवाब देने के बजाय नाटक कर रहीं निर्मला : राहुल
नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि विवादास्पद राफेल सौदे को लेकर उनके सवालों को रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण टाल गईं। राहुल ने कहा कि जब उन्होंने रक्षामंत्री से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रक्षा सौदे में बदलाव किए जाने पर वायुसेना ने आपत्ति जताई थी? तो वह उस सवाल को टाल गईं। उन्होंने कहा कि जिस रक्षा सौदे पर पिछले आठ सालों से बातचीत चल रही थी, उसे प्रधानमंत्री ने महज दो मिनट में बदल दिया।
राफेल सौदे पर लोकसभा में बहस के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरल सवालों के जवाब हां या ना में देने के बजाए सीतारमण ने नाटक करना शुरू कर दिया और उसके बाद भाग गईं।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली सरकार की मंशा देश के युवाओं को गुमराह करना है।
राहुल ने कहा, “सवालों के जवाब देने के बजाय, उन्होंने नाटक करना शुरू कर दिया-‘अरे मेरा अपमान हुआ। मुझे झूठा बताया।’ मेरा सरल सवाल था कि वायुसेना प्रमुख, रक्षामंत्री, सचिव और वायुसेना के अधिकारियों द्वारा लंबे समय से चल रही लंबी बातचीत के बाद क्या जिन्होंने पूरी बातचीत की, उन्होंने (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी द्वारा उनकी बातचीत की बाइपास सर्जरी (उपेक्षा) करने पर आपत्ति जताई थी।”
उन्होंने कहा कि सीतारमण ने अपने भाषण में स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री ने वास्तव में बाइपास सर्जरी करके 36 लड़ाकू विमान फ्रांस की विमान विनिर्माता कंपनी दसॉ से खरीदने के लिए एक नया सौदा किया। पूर्व के सौदे में 136 ऐसे विमानों की खरीद की बातचीत चल रही थी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मैंने पूछा कि यह बाइपास सर्जरी कब हुई और क्या वायुसेना के अधिकारियों ने इसपर आपत्ति जाहिर की। यह सरल सवाल था, लेकिन वह सवाल को टाल गईं और कोई हां या ना में जवाब दिए बगैर चली गईं।”
उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री ने अपने ढाई घंटे के भाषण के दौरान एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
गांधी ने कहा, “मूल बिंदु(उनके भाषण का) यही था कि वायुसेना आठ साल से अधिक समय से जिस सौदे पर बातचीत कर रही थी, उसे मोदी ने दो मिनट में बदल दिया।”
उन्होंने कहा, “मैंने उनसे सिर्फ इतना पूछा कि क्या उन्होंने आपत्ति जताई। उनको उत्तर हां या ना में देना था, मगर वह भाग गईं।”
इससे पहले, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। रक्षामंत्री ने यह कहते हुए कांग्रेस पर पलटवार किया कि बोफोर्स सौदा एक घोटाला था, जबकि राफेल सौदा राष्ट्रहित में है, इसलिए नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बनेंगे।
सौदे पर लोकसभा में बहस के दौरान उन्होंने कहा, “बोफोर्स एक घोटाला था, लेकिन राफेल राष्ट्रहित में लिया गया फैसला था। राफेल से मोदी को नए भारत के निर्माण और भ्रष्टाचार मिटाने में मदद मिलेगी।”
रक्षामंत्री ने कहा कि रक्षा सौदे और रक्षा में सौदे के बीच अंतर है।
उन्होंने कहा, “हमने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रक्षा में सौदा किया।”
उन्होंने कहा कि पहला राफेल जेट विमान इस साल सितंबर में आएगा और बाकी 35 विमान 2022 तक मिल जाएंगे।