2 महिलाओं के सबरीमाला दर्शन पर केरल बंद का आह्वान
तिरुवनंतपुरम/सबरीमाला, 2 जनवरी (आईएएनएस)| केरल की दो महिलाओं ने बुधवार तड़के सबरीमाला मंदिर में दर्शन-पूजन किए और इस घटना के खिलाफ सबरीमाला कर्म समिति (एसएमएस) ने गुरुवार के लिए राज्यव्यापी बंद का आह्वान कर दिया है।
ये महिलाएं उसी आयु वर्ग की हैं, जिस पर अबतक मंदिर प्रवेश पर प्रतिबंध रहा है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने 10-50 आयु वर्ग की महिलाओं के मंदिर प्रवेश पर रोक हटा दी है, लेकिन इसके बावजूद कुछ संगठन न्यायालय के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन द्वारा इस बात की पुष्टि किए जाने के बाद कि बिंदू और कनक दुर्गा नामक दो महिलाओं ने तड़के 3.30 बजे दर्शन किए हैं, मंदिर को ‘शुद्धिकरण अनुष्ठान’ के लिए एक घंटे तक बंद कर दिया गया। इससे पहले दोनों ने 24 दिसंबर को दर्शन की कोशिश की थी, लेकिन पुरुष भक्तों के विरोध के कारण वे दर्शन नहीं कर पाई थीं।
मंदिर को एक घंटे बाद फिर से खोल दिया गया।
एसकेएस के कार्यकर्ताओं ने तबतक चैन से नहीं बैठने का संकल्प लिया है, जबतक कि विजयन पद से हट नहीं जाते और गुरुवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक बंद का आह्वान किया है।
फोन पर मीडिया से बातचीत में बिंदू ने कहा कि वह दुर्गा के साथ देर रात करीब 1.30 बजे पंबा आधार शिविर पहुंची और कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ सादे कपड़ों में मंदिर मार्ग पर ऊपर गईं।
बिंदू ने कहा, “सरकार ने हमें हर तरह की मदद का आश्वासन दिया था।”
उन्होंने कहा, “हमें कोई समस्या नहीं हुई। कुछ छिटपुट विरोध हुए, लेकिन और कोई दिक्कत नहीं हुई।”
यह खबर फैलते ही, संघ परिवार से जुड़े संगठन राज्यभर में सड़कों पर उतर आएं और मुख्य सड़कों पर यातायात जाम कर दिया, टायर जला दिए और बसों पर पत्थर फेंककर निशाना बनाया।
राजधानी तिरुवनंतपुरम में माकपा और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प को रोकने और उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें की और आंसू गैस के गोले छोड़े।
कोच्चि, पालघाट, कोझिकोड और कासरगोड में भी विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं।
केरल के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन ‘केरल व्यापारी व्यवसायी एकोपना समिति’ (केवीवीईएस) ने घोषणा की है कि वह गुरुवार को अपनी दुकानें बंद नहीं करेगा, क्योंकि लगातार बंद से भारी नुकसान हुआ है।
जैसे ही दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने की बात फैली, मुख्य पुजारी और मंदिर तंत्री ने एक बैठक की और पंडालम शाही परिवार के साथ भी मुलाकात की और मंदिर को ‘शुद्धिकरण’ के लिए बंद करने का फैसला किया।
उद्योग मंत्री ई.पी. जयराजन ने कहा कि मंदिर को बंद करने का तंत्री को कोई अधिकार नहीं है।
जयराजन ने पत्रकारों से कहा, “यह न्यायपालिका को चुनौती है। सरकार ने सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करने में अपनी भूमिका निभाई।”
कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने वामपंथी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “विजयन को इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
एक अन्य कांग्रेस नेता के. सुधाकरन ने विजयन को ‘फासीवादी’ बताते हुए कहा कि मंदिर में प्रवेश करने वाली दोनों महिलाएं उनकी ‘कठपुतलियां’ थीं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की राज्य इकाई के सचिव कोदियेरी बालाकृष्णन ने कहा कि मंदिर को बंद करने का कोई कारण नहीं है।
नायर सर्विस सोसाइटी के महासचिव सुकुमारन नायर ने मंदिर के पुजारियों को ‘मंदिर बंद करने’ के लिए धन्यवाद दिया।
भाजपा के प्रदेश महासचिव एम.टी. रमेश ने कहा कि मंदिर की परंपराओं का उल्लंघन करने के लिए विजयन को भारी कीमत चुकानी होगी।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने देवासम (मंदिर) के सामने उस समय विरोध प्रदर्शन किया, जब मंत्री कंदकप्पली सुरेंद्रन गुरुवयुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे।
इसी तरह का विरोध तब हुआ, जब स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा अपने गृह जनपद कन्नूर में एक कार्यक्रम में शामिल होने आईं।