कांग्रेस पर बरसे जेटली, पूछा-सोहराबुद्दीन मामले में जांच की हत्या किसने की
नई दिल्ली, 31 दिसम्बर (आईएएनएस)| वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कांग्रेस पर हमला बोला। जेटली ने सोहराबुद्दीन शेख-तुलसीराम प्रजापति व कौसर बी की कथित मुठभेड़ हत्या मामले में सीबीआई की ‘हत्या’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल, जो संस्थानिक स्वतंत्रता को लेकर चिंता जता रहे हैं, उन्हें ‘गंभीर आत्म विश्लेषण’ करने की जरूरत है।
अरुण जेटली ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा, “कांग्रेस ने जो हमारी जांच एजेंसियों के साथ किया है, यह उसका अकाट्य साक्ष्य है। वे जो हाल में संस्थानिक स्वतंत्रता को लेकर चिंता दिखा रहे हैं, उन्हें गंभीर आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि सत्ता में रहने के दौरान उन्होंने सीबीआई के साथ क्या किया।”
जेटली केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा दिए गए राजनीतिक रूप से संवेदनशील सोहराबुद्दीन शेख-तुलसीराम प्रजापति व कौसर बी की कथित मुठभेड़ हत्या मामले में निर्णय का जिक्र कर रहे थे।
अदालत ने मुहैया कराए गए ‘साक्ष्य व सबूत को असंतोषजनक बताते’ हुए सभी 22 आरोपियों को रिहा कर दिया है। अदालत ने फैसले में कहा कि मामले में राजनीतिक नेताओं को किसी भी तरह फंसाने की कोशिश की गई।
जेटली ने मामले में न्यायिक फैसले को लेकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर अप्रत्यक्ष तौर पर हमला करने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की निंदा की।
मामले में न्यायिक फैसले पर राहुल ने कहा था, ‘किसी की हत्या नहीं की गई..वे अपने आप मर गए।’
जेटली ने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष ने फैसले के दिन मुद्दा उठाया कि सोहराबुद्दीन को किसी ने नहीं मारा। यह ज्यादा उचित होता अगर वह सही सवाल पूछते कि सोहराबुद्दीन मामले की जांच की किसने हत्या की, तो उनको सही जवाब मिलता।”
उन्होंने कहा कि विशेष सीबीआई न्यायाधीश मुंबई ने सोहराबुद्दीन मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
उन्होंने कहा, “रिहा किए जाने के आदेश से ज्यादा प्रासंगिक जांच पर न्यायाधीश की टिप्पणी है, जिसमें कहा गया कि शुरुआत से ही जांच एजेंसी ने सच्चाई का पता लगाने के क्रम में मामले की पेशेवर तौर पर जांच नहीं की, बल्कि इसे कुछ राजनीतिक व्यक्तियों की तरफ मोड़ा गया।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 27 दिसंबर 2013 को लिखे गए एक पत्र को साझा किया, जिसमें कथित तौर सोहराबुद्दीन, तुलसी प्रजापति, इशरत जहां, राजेंद्र राठौर व हरेन पांड्या मामले में जांच के राजनीतिकरण करने की बात कही गई थी।
अरुण जेटली ने यह पत्र राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर मनमोहन सिंह को लिखा था।
जेटली ने कहा, “पत्र में मेरे द्वारा कही गई हर बात अगले पांच साल के दौरान सही साबित हुई है।”
विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस.जे.शर्मा ने सीबीआई को लताड़ते हुए कहा कि पूरी जांच में एक लक्ष्य को लेकर एक स्क्रिप्ट के तहत निशाना बनाया गया कि इस प्रक्रिया में किसी भी तरीके से राजनीतिक नेताओं को फंसाया जाए।
विशेष न्यायाधीश शर्मा ने कहा, यह साफ तौर पर प्रतीत होता है कि सीबीआई सच्चाई का पता लगाने के बजाए एक पूर्व नियोजित थ्योरी को साबित करने को लेकर ज्यादा चिंतित थी।