मप्र में ‘छिंदवाड़ा मॉडल’ की ब्रांडिग तेज
छिंदवाड़ा, 30 दिसंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में सत्ता बदलाव के बाद नई सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ छिंदवाड़ा की ब्रांडिंग तेज हो गई है। सरकार की ओर से बीते 40 सालों में छिंदवाड़ा में हुए विकास कार्यो को प्रचारित करने का अभियान छेड़ दिया गया है। सत्ता में आने से पहले ही कांग्रेस की ओर से छिंदवाड़ा को विकास का मॉडल बताकर प्रचारित किया गया। इसके लिए छिंदवाड़ा पर एक किताब का भी विमोचन किया गया। सत्ता में आने के बाद सरकारी स्तर पर छिंदवाड़ा की ब्रांडिंग तेज कर दी गई है।
कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार रविवार को छिंदवाड़ा पहुंचे और उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए बीते 40 सालों में छिंदवाड़ा में विकास के लिए किए गए कामों का न केवल ब्यौरा दिया, बल्कि सभी से कहा कि वे खुद वहां जाकर देखें।
कमलनाथ ने बताया, “जब मैं छिंदवाड़ा आया था, तब यहां की स्थिति अलग थी और अब अलग है। यहां बड़ी संख्या में कौशल केंद्र चल रहे हैं। विभिन्न उद्योगपतियों और विशेषज्ञों ने केंद्र स्थापित किए हैं। इसके चलते युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहे हैं।”
कमलनाथ ने बताया कि एक युवती ने उन्हें एक बड़ा कार्ड सौंपकर अपनी सफलता का ब्यौरा दिया है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में छिंदवाड़ा को एक विकसित जिले के तौर पर देशव्यापी स्तर पर पेश किया जाएगा, ताकि प्रदेश के अन्य हिस्सों में यह संदेश जाए कि राज्य में विकास की रफ्तार तेज होगी। इस अभियान का मकसद आगामी लोकसभा चुनाव से पहले लोगों के दिल और दिमाग में यह बैठाना है कि राज्य में सरकार बदली है, नेतृत्व बदला है, लिहाजा हर जिले की तस्वीर भी बदलेगी। इसके साथ ही इसका उद्देश्य कमलनाथ की छवि को एक विकास पुरुष के तौर पर स्थापित करना है।
पत्रकार भास्कर राव रोकड़े द्वारा लिखित पुस्तक ‘छिंदवाड़ा मॉडल’ पर चुनाव के दौरान ही बहस छिड़ गई थी और अब सत्ता में आने के बाद कांग्रेस व सरकार से जुड़े महकमों ने एक बार फिर ‘छिंदवाड़ा मॉडल’ की जिरह को जन्म दे दिया है।