छग : 5 डिसमिल से कम रकबे की जमीन के नामांतरण, पंजीयन पर रोक हटी
रायपुर, 30 दिसंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छोटे भू-खंड धारकों को जमीन की खरीदी-बिक्री के पंजीयन में बड़ी राहत मिली है। बघेल ने छोटे भू-खंडधारकों को रजिस्ट्री में आ रही दिक्कतों को देखते हुए राजस्व विभाग को इसका तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व विभाग द्वारा पूर्व में जारी आदेशों को स्थगित करते हुए नया आदेश जारी किया गया है, जिसके अंतर्गत पांच डिसमिल से कम रकबे की खरीदी-बिक्री पर रोक हटा दी गई है। अब पांच डिसमिल से कम रकबे की भूमि का नामांतरण और पंजीयन आसान होगा। इससे हजारों निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
गौरतलब है कि जन-घोषणा पत्र में भी मुख्यमंत्री बघेल ने इस समस्या के त्वरित निराकरण का वादा किया था और इसी वादे के अनुरूप उन्होंने छोटे भू-खंड धारकों को छोटे भू-खंडों के नामांतरण और रजिस्ट्री में यह राहत दी है।
इस संबंध में राजस्व विभाग की ओर से वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) विभाग को पत्र जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार, रजिस्ट्री के लिए खसरा नम्बर के नक्शा में अंकन की अनिवार्यता रद्द कर दी गई है।
सचिव राजस्व विभाग की ओर से सचिव वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) को जारी पत्र में कहा गया है कि पूर्व में छोटे भू-खंडों का पंजीयन होने और उसका नक्शे में अंकन किए बिना खसरे में भूमि-स्वामी का नाम दर्ज किया गया है। ऐसे खसरा नम्बरों का बिना विस्तृत सर्वेक्षण और गहन जांच के बिना नक्शे में अंकन संभव नहीं होने के कारण यदि कोई भूमि-स्वामी किसी खसरा नम्बर के धारित संपूर्ण भूमि को अंतरित करना चाहता है तो पंजीयन के लिए उस खसरा नम्बर के नक्शे में अंकन की अनिवार्यता को रद्द किया जाए।
इसी तरह खसरा और नक्शा में आबादी भूमि के रूप में दर्ज भूमि में निवासरत व्यक्तियों की ओर से धारित भू-खंडों का भूमि-स्वामीवार कोई भी भू-अभिलेख और नक्शा शासन द्वारा अभी तैयार नहीं कराया गया है। इसलिए, भूमि के रूप में अंकित खसरा नम्बर के अंदर यदि किसी व्यक्ति की ओर से विधिपूर्वक कब्जे की भूमि के विक्रय के लिए पंजीयन के लिए भू-अभिलेख और नक्शे की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए।
राजस्व विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि यदि ले-आउट के आधार पर किसी भूमि-स्वामी की ओर से किसी भू-खंड का विक्रय किया जाता है तो ले-आउट को पंजीयन का आवश्यक अंग मानते हुए बिना नक्शा बटांकन के पंजीयन की कार्रवाई की जाए। कुछ प्रकरणों में रायपुर विकास प्राधिकरण और छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की ओर से अनुमोदित ले-आउट भुइयां सॉफ्टवेयर में अपलोड नहीं किया गया है।