फिल्मकार मृणाल सेन का निधन
कोलकाता, 30 दिसम्बर (आईएएनएस)| दिग्गज फिल्मकार मृणाल सेन का दक्षिण कोलकाता स्थित उनके आवास में रविवार सुबह उम्र संबंधी शारीरिक समस्याओं के कारण निधन हो गया। उनके परिजनों ने यह जानकारी दी। वह 95 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनका बेटा कुणाल है।
पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित फिल्मकार लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर स्थित अपने घर में सुबह 10 बजे के आसपास अंतिम सांस ली।
देश के सर्वोच्च फिल्म सम्मान, दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित सेन ने वर्ष 1955 में फिल्म ‘रात भोरे’ के निर्देशन के साथ सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। इसमें उत्तम कुमार मुख्य भूमिका में थे।
उन्हें ‘नील आकाशेर नीचे’, ‘पदातिक’, ‘भुवन सोम’ और ‘एक दिन प्रतिदिन’ जैसी फिल्मों के लिए पहचाना जाता है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने ट्वीट किया, “उनके निधन की खबर से दुख हुआ। यह फिल्म जगत के लिए बड़ा नुकसान है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।”
प्रसिद्ध बांग्ला फिल्म निर्माता बुद्धदेव दासगुप्त ने उनके निधन को एक युग का अंत बताया।
मशहूर बांग्ला अभिनेत्री-फिल्मकार अपर्णा सेन ने कहा कि एक निर्देशक और एक सहयोगी से कहीं अधिक, सेन उनके लिए परिवार के सदस्य जैसे थे।
मृणाल सेन की फिल्म ‘एक दिन प्रतिदिन’ से करियर की शुरुआत करने वाले फिल्म व रंगमंच कलाकार कौशिक सेन ने कहा कि उनके पास अपने करियर पर सेन के प्रभाव को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “सेन के साथ मेरा रिश्ता बहुत व्यक्तिगत था..इस बिंदु पर बहुत कुछ नहीं कह सकता। मैंने उनसे अभिनय और फिल्म निर्माण के बारे में बहुत सारी तकनीकी बातें सीखीं। मैंने उनकी वजह से पहली बार कैमरे के सामने अभिनय किया और मेरी पहली फिल्म का निर्देशन उन्होंने किया था। मैंने उनके द्वारा बनाई गई आखिरी फिल्म में भी काम किया है।”
दिग्गज अभिनेता रंजीत मलिक ने भी उन्हीं के तहत अपने अभिनय की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा, “मृणाल सेन का नाम सत्यजीत रे और ऋत्विक घटक जैसों के साथ लिया जाता है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि वह नहीं रहे। यह दर्दनाक खबर है। मेरी पहली फिल्म उनके द्वारा निर्देशित थी। उनका सेन्स आफ ह्यूमर लाजवाब था। मुझे उनके चुटकुले बेहद पसंद थे।”