कम किराए से यात्री बढ़े, लेकिन ईंधन कीमतों से एयरलाइंस बेहाल
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)| जेट फ्यूल की बढ़ी कीमतें, मुनाफे में कमी और वित्तीय परेशानी जैसे विपरीत परिस्थितियों के बावजूद देश के नागरिक विमानन क्षेत्र में साल 2018 में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
हालांकि, उच्च ईंधन कीमतों और उच्च प्रतिस्पर्धा के चलते किराया कम रखने के कारण, एयरलाइनों के मुनाफे में गिरावट, डॉलर के खिलाफ रुपये के गिरने और उच्च ब्याज दरों के कारण और अधिक बढ़ गई।
एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) में जनवरी-दिसंबर 2018 में साल-दर-साल आधार पर 27 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि इसी अवधि में रुपया डॉलर के खिलाफ औसतन 5 फीसदी गिर गया।
उद्योग पर्यवेक्षकों के मुताबिक, ईधन कीमतों में वृद्धि से भारतीय विमानन कंपनियां खासतौर से प्रभावित होते हैं, क्योंकि इस मद में उनके परिचालन खर्च का 34 फीसदी तक खर्च होता है, जबकि वैश्विक औसत 24 फीसदी है।
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने इस उद्योग को नकारात्मक रेटिंग दी है। एजेंसी के उपाध्यक्ष (कार्पोरेट सेक्टर रेटिंग्स) किंजल शाह ने आईएएनएस को बताया, “चालू वित्त वर्ष में भारतीय विमानन उद्योग एटीएफ की बढ़ती कीमतें और डॉलर के खिलाफ रुपये के गिरने के कारण कठिन समय से जूझ रहा है। साथ ही प्रतिस्पर्धा के कारण किराया बढ़ाने में असमर्थता के कारण उद्योग का नुकसान बढ़ा है।”
इक्सिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक आलोक बाजपेयी ने आईएएनएस को बताया, “प्रौद्योगिकी के प्रयोग से यात्रियों के लिए यात्रा की बुकिंग करना, योजना बनाना और विमान सफर करना आसान हो गया है। इसके साथ प्रयोज्य आय में बढ़ोतरी और आकर्षक हवाई किराए के कारण छोटे और मझोले शहरों के लोग भी ट्रेन की बजाय विमान को तरजीह दे रहे हैं।”
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, देश के घरेलू विमान यात्रियों की संख्या नवंबर में 11.03 फीसदी बढ़कर 1.164 करोड़ रही, जबकि जनवरी-नवंबर की अवधि में इसमें 19.21 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
डीजीसीए ने 21 दिसंबर को जारी रिपोर्ट में कहा, “जनवरी-नवंबर 2018 की अवधि में कुल 1,262.83 लाख यात्रियों ने हवाई सफर किया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह संख्या 1,059.34 लाख थी, जोकि 19.21 फीसदी की वृद्धि दर है।”
इसी प्रकार से, अंतर्राष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के आंकड़ों में बताया गया कि अक्टूबर में देश के घरेलू विमान यात्रियों की आवाजाही में लगातार 50वें महीनों दो अंकों में वृद्धि दर दर्ज की गई है।