उप्र के 3 महानगरों में लागू हो पुलिस कमिश्नर सिस्टम : राज्यपाल
लखनऊ, 27 दिसंबर( आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गुरुवार को कहा कि कानून व्यवस्था में और सुधार के लिए अब यूपी के तीन जिलों- लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर सिस्टम (पीसीएस) लागू किया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र जो उत्तर प्रदेश की तुलना में छोटा है, का उदाहरण देते हुए राज्यपाल ने सुझाव दिया कि महाराष्ट्र एवं देश के अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के भी बड़े महानगरों- जैसे लखनऊ, कानपुर एवं गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर सरकार विचार करें। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
राज्यपाल गुरुवार सुबह पुलिस लाइन में पुलिस की वार्षिक रैतिक परेड की सलामी लेने के बाद अधिकारियों व जवानों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में इसे सलाह के तौर पर कहा और कहा कि देश के 71 शहरों में पीसीएस लागू है। ऐसे 19 महानगर और हैं, जहां की आबादी 20 लाख से अधिक है। यहां पर पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होनी चाहिए। इनमें यूपी के तीन शहर हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है, जिसका परिणाम है कि 11,981 अपराधियों ने आत्मसमर्पण किया है तथा 69 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए हैं। 16,876 व्यक्तियों पर गैंगस्टर एक्ट तथा 281 व्यक्तियों पर एनएसए के तहत कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल की त्वरित कार्यवाही से संगठित अपराध में और प्रभावी नियंत्रण आ सकता है।
नाईक ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड एवं वुमन पावर लाइन 1090 अच्छा कार्य कर रही है। पहली जनवरी से 30 नवंबर, 2018 तक कुल 2,48,172 शिकायतें दर्ज की गर्इं, जिनमें 90 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि पुलिस का सिपाही जनता के लिए सरकार का दिखाई देने वाला चेहरा होता है। आम आदमी पुलिस के व्यवहार के आधार पर अपनी राय बनाते हैं। पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी स्वयं को भ्रष्टाचार से मुक्त रखें।
राज्यपाल ने कहा कि आबादी की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रदेश होने के कारण उत्तर प्रदेश में पुलिस बल का कार्य एवं दायित्व और अधिक बढ़ जाता है। कानून एवं व्यवस्था का मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण होता है। पुलिस बल अपने सीमित संसाधनों, कठोर परिश्रम, अनुशासन एवं कर्तव्यनिष्ठा से कानून व्यवस्था के साथ-साथ आतंकवाद एवं नक्सलवाद जैसी चुनौतियों पर प्रभावी नियंत्रण बनाता है।
उन्होंने कहा कि कुंभ-2019 में राज्य सहित देश एवं विदेश से 14-15 करोड़ श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के आने का अनुमान है। ऐसे में पुलिस बल पर कुंभ की सुरक्षा व्यवस्था का भी महत्वपूर्ण दायित्व है।