एनआईए ने आतंकी हमले की साजिश में 10 आईएस संदिग्धों को दबोचा
नई दिल्ली, 26 दिसम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को आतंकी संगठन आईएसआईएस के मॉड्यूल ‘हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम’ के एक सरगना सहित 10 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया।
यह कथित रूप से कुछ राजनीतिक हस्तियों व सुरक्षा प्रतिष्ठानों के साथ-साथ दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी में भीड़भाड़ वाली जगहों पर आतंकी हमले को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। एनआईए ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 17 जगहों पर छापेमारी की जिसके बाद यह गिरफ्तारियां हुई। 17 जगहों में पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में छह जगह, उत्तर प्रदेश के अमरोहा में छह जगह, लखनऊ व हापुड़ में दो-दो जगह और मेरठ में एक जगह छापेमारी की गई।
एजेंसी ने 20 दिसंबर को भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया था।
एनआईए के प्रवक्ता व एनआईए के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) आलोक मित्तल ने कहा कि संदिग्ध दिल्ली में हमले की योजना बना रहे थे लेकिन उन्होंने यह बताने से इंकार कर दिया कि वह कब इन हमलों की योजना बना रहे थे।
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम के प्रमुख मुफ्ती सोहेल को उसके घर से गिरफ्तार किया है। वह अमरोहा का रहने वाला है, जो एक मस्जिद का मौलवी भी है।
अधिकारी ने कहा कि मॉड्यूल महत्वपूर्ण राजनीतिक व सुरक्षा कार्यालयों साथ-साथ दिल्ली और भीड़भाड़ वाली जगहों पर हमले की योजना बना रहा था।
उन्होंने कहा, “वे रिमोट कंट्रोल बम या फिदायीन जैसे हमले की योजना बना रहे थे।”
हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम के हैंडलर के बारे में पूछने पर मित्तल ने कहा कि एजेंसी उसकी पहचान व उसके देश के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार संदिग्धों ने बुलेट-प्रूफ फिदायीन वेस्ट बनाने का भी प्रयास किया था। इसे अमरोहा से बरामद किया गया। एजेंसी ने छापों के दौरान देशी रॉकेट लॉन्चर, 12 पिस्तौल, 120 अलार्म क्लॉक, 100 मोबाइल फोन, 135 सिम कार्ड, कई लैपटॉप और विभिन्न बिजली के उपकरण और इसके अलावा 150 राउंड गोलाबारूद बरामद किया है।
एनआईए ने मौके से पोटेशियम नाइट्रेट, सल्फर, शुगर पेस्ट, मोबाइल फोन सर्किट, बैटरी, 51 पाइप, वायरलैस घंटियां, स्टील कंटेनर, बिजली की तारें, चाकू, तलवारें जैसे 25 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री भी जब्त की है। इसके अलावा आईएस संबंधित साहित्य और साढ़े सात लाख नकद भी बरामद किया गया है।
मित्तल ने कहा, “यह एक स्व-वित्त पोषित समूह था। यह अपने घरों से सोने के आभूषण चुराते थे और उसे बेचकर अपनी गतिविधियां चलाते थे। वे रिमोट कंट्रोल बम या फिदायीन जैसे हमले की योजना बना रहे थे।”
अधिकारी ने कहा कि दो भाइयों से पूछताछ के दौरान उन्होंने कबूल किया है कि उन्होंने पांच से छह लाख रुपये के सोने के आभूषण बेचे थे।
उन्होंने कहा कि विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद यह समूह एनआईए के रडार पर आया। उन्हें जानकारी मिली थी कि आईएस समर्थक व्यक्तियों के एक समूह ने एक आतंकवादी गिरोह बनाया है और वे दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के महत्वपूर्ण, संवेदनशील स्थानों व भीड़-भाड़ वाले स्थानों को निशाना बनाते हुए आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है।
आईजी ने कहा, “खुफिया जानकारी को अधिक विकसित किया गया और फील्ड सत्यापन किया गया। हमें यह पता लगा कि सुहैल उर्फ हजरत और उसके साथियों ने फंड जुटा लिया है और बम तैयार करने के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री की खरीद की है। उन्होंने दिल्ली, आसपास के स्थानों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर विस्फोट और फिदायीन हमलों की योजना बनाई थी।”
मित्तल ने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग 20 से 29 साल की उम्र के हैं। एजेंसी ने अमरोहा से सुहैल के अलावा सईद (28), रईस अहमद, साकिब इत्तेकर (26) और मोहम्मद इरशाद को गिरफ्तार किया।
एजेंसी ने नोएडा स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के 24 वर्षीय छात्र अनस यूनुस, 23 वर्षीय राशिद जफर रक, 20 वर्षीय जुबैर मलिक और उसके 22 वर्षीय भाई जायद मलिक के साथ दिल्ली के जाफराबाद क्षेत्र से 35 वर्षीय मोहम्मद आजम को गिरफ्तार किया है।
एनआईए अधिकारियों के अनुसार, यूनुस ने आतंकी साजिश के मद्देनजर बिजली के सामान, अलार्म घड़ी और बैटरी आदि की खरीद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अमरोहा से गिरफ्तार किए गए दो भाइयों सईद और रईस ने आईईडी और पाइप बम तैयार करने के लिए भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री खरीदी थी और आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए एक रॉकेट लांचर बनाने में सहायता की थी।
उन्होंने कहा कि दो भाई जैद और जुबैर भी आतंकवादी साजिश का हिस्सा थे और उन्होंने फर्जी दस्तावेजों पर बैटरी, कनेक्टर, सिम कार्ड खरीदने और बम बनाने की सामग्री खरीदने के लिए धन जुटाने में सहायता की थी।
यह पूछे जाने पर कि इन लोगों ने बम और रॉकेट लांचर कैसे बनाए, जिस पर अधिकारी ने कहा कि उन्होंने बम व रॉकेट लांचर बनाने के लिए इंटरनेट की मदद ली थी।
उन्होंने कहा कि छह अन्य आरोपियों से पूछताछ के बाद मामले में और गिरफ्तारियां की जाएंगी।
गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को गुरुवार को दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा।