बिहार : पहले पशु प्रजनन उत्कृष्टता केंद्र का राज्यपाल ने किया शिलान्यास
पटना/मोतिहारी, 25 दिसंबर (आईएएनएस)| बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने मंगलवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के पिपराकोठी स्थित डॉ़ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्यपालन विभाग की परियोजना राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत पशु प्रजनन उत्कृष्टता केंद्र का शिलान्यास किया।
इस मौके पर उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी किया।
इस मौके पर राज्यपाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वे खुद को भाग्यशाली समझते हैं कि बिहार में वाजपेयी जी की इस प्रथम प्रतिमा का अनावरण उनके हाथों से हो रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहारवासियों के लिए भी यह गौरव की बात है। इस अवसर पर ‘अटल द्वार’ का भी लोकार्पण हुआ।
टंडन ने कहा कि अटल जी किसानों के सबसे बड़े हितैषी एक संवेदनशील कविहृदय राजनेता थे। उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने ही ‘किसान क्रेडिट कॉर्ड योजना’ की शुरुआत की थी। वाजपेयी जी की जयंती के अवसर पर बिहार में देश का प्रथम ‘पशु प्रजनन उत्कृष्टता केंद्र’ स्थापित करने का निर्णय उनके प्रति एक सार्थक निर्णय है।
राज्यपाल ने कहा कि चंपारण की भूमि पर ही महात्मा गांधी ने भी ‘सत्याग्रह’ का प्रथम प्रयोग शुरू किया था।
उन्होंने कहा, “भारत का वास्तविक विकास कार्य राष्ट्रपिता गांधी के ग्राम स्वराज तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय विकास के सपने को साकार कर ही पूरा किया जा सकता है, जिसके लिए सरकार सतत प्रयत्नशील है।”
राज्यपाल ने इस केंद्र से राज्य में गो-वंश के विकास में काफी मदद मिलने की संभावना जताते हुए कहा कि भारतीय जलवायु के अनुकूल साहीवाल एवं देशी नस्ल की गायों के गोवंश में भी अब उत्कृष्टता आएगी।
उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों को ‘जीरो बजट’ पर आधारित कृषि विकास का फॉर्मूला तैयार करने का आह्वान किया।
समारोह में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार सरकार के द्वारा संचालित कृषि विकास योजनाओं की व्यापक जानकारी दी, जबकि केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने ‘पशु प्रजनन उत्कृष्टता केंद्र’ के विभिन्न अवयवों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ़ रमेश चंद्र श्रीवास्तव एवं ब्राजील के प्रतिनिधि सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।