दो सप्ताह में परिसर खाली करे नेशनल हेराल्ड : उच्च न्यायालय
नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा शुक्रवार को नेशनल हेराल्ड मामले में दिया गया फैसला कांग्रेस के लिए जोरदार झटका है, क्योंकि अदालत ने नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक को हेराल्ड हाउस दो सप्ताह के भीतर खाली करने को कहा है।
उच्च न्यायालय ने केंद्र के 30 अक्टूबर के निर्देश के खिलाफ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की तरफ से दायर याचिका को खारिज करते हुए नेशनल हेराल्ड को परिसर खाली करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति सुनील गौर ने कहा कि अगर इमारत दो सप्ताह के भीतर भूमि एवं विकास अधिकारी को सुपुर्द नहीं कर दिया जाता, तो सरकार सार्वजनिक परिसर अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई शुरू कर सकती है।
अदालत ने कहा कि एजेएल का 99 फीसदी शेयर यंग इंडियन कंपनी को हस्तांतरित करके एजेएल की 413.40 करोड़ रुपये की जायदाद गुप्त रूप से यंग इंडियन कंपनी को हस्तांतरित कर दी गई। अदालत ने कहा कि दरअसल, एजेएल को यंग इंडियन ने अपने कब्जे में ले लिया।
अदालत ने कहा, “वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता एजेएल का लाभप्रद हित बिक्री/बंधक/उपहार के माध्यम से तकनीकी रूप से हस्तांतरित नहीं हुआ है, बल्कि यह उपर्युक्त नई कार्यप्रणाली द्वारा अंतिम श्रेणी या अन्यथा के तहत आता है। एजेएल को यंग इंडियन कंपनी ने सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए अपने अधीन कर लिया।”
अदालत ने कहा, “अदालत इस तथ्य से अवगत है कि यंग इंडियन कंपनी एक चैरिटेबल कंपनी है, लेकिन एजेएल के 99 फीसदी शेयर के अधिग्रहण की कार्यप्रणाली से बहुत कुछ मालूम होता है। इसमें जो तरीका अपनाया गया है, उसपर भी सवाल उठते हैं।”
महाधिवक्ता तुषार मेहता ने दलील पेश करते हुए अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता एजेएल का 99 फीसदी शेयर दूसरी कंपनी यंग इंडियन को हस्तांतरित किए जाने में लीज दस्तावेज (लीज डीड) के अनुबंध-3 (13) का उल्लंघन हुआ है, जिससे परिसर का आवंटन व पुनग्र्रहण रद्द करना न्यायोजित है।
शहरी विकास मंत्रालय ने कहा था कि हेराल्ड हाउस पर एजेएल का 56 साल का अधिकार समाप्त हो गया है और उसे 15 नवंबर तक परिसर खाली करने को कहा गया है।
प्रकाशक ने मंत्रालय के 30 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देते हुए 12 नवंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
एजेएल ने अदालत को बताया कि वह दशकों से अखबार का प्रकाशन कर रहा है। वित्तीय समस्या के कारण अस्थाई तौर पर प्रकाशन स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अखबार और उसका डिजिटल मीडिया का काम अब पूरी तरह शुरू हो चुका है।
साप्ताहिक ‘नेशनल हेराल्ड ऑन संडे’ का प्रकाशन 24 अक्टूबर, 2017 को दोबारा शुरू हुआ और इसका प्रकाशन हेराल्ड हाउस से हो रहा है। एजेएल ने 14 अक्टूबर को अपने साप्ताहिक हिंदी अखबार का भी प्रकाशन शुरू किया।
अदालत ने कहा कि बताया गया है कि सरकार ने कुछ महीने पहले परिसर का निरीक्षण किया और पाया कि एजेएल को आवंटित परिसर का उपयोग पिछले 10 सालों से समाचार पत्र के प्रकाशन के लिए नहीं हो रहा है।
अदालत ने कहा कि एजेएल ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि उसके अखबार के प्रकाशन का अंक कितना है और देश में उसके पिंट्र और ऑनलाइन का सर्कुलेशन क्या है।
अदालत ने बताया कि एजेएल ने मौजूदा सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विरासत को मिटाने, नष्ट करने और बदनाम करने के लिए बदनीयत मंशा अपनाने के अपने आरोप के पक्ष में कोई दृष्टांत पेश नहीं किया।
भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एजेएल के अधिग्रहण में यंग इंडियन द्वारा धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के शेयर हैं।