IANS

स्वास्थ्य मुद्दों पर चर्चा के लिए ‘हेल्थ मीडिया सम्मेलन’ में जुटे दिग्गज

 नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी में यहां शुक्रवार को समाप्त हुए तीन दिवसीय ‘हेल्थ मीडिया सम्मेलन’ में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए स्वास्थ्य विषयों पर लिखने वाले 75 पत्रकार और हेल्थकेयर उद्योग की करीब 40 दिग्गज हस्तियां एकसाथ जुटीं।

  हील फाउंडेशन और भारतीय जनसंचार संस्थान द्वारा आयोजित ‘हेल्थ मीडिया सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता मिलने के सात दशकों बाद भी 62.58 प्रतिशत नागरिकों के पास स्वास्थ्य बीमा की सुविधा नहीं है। इसके परिणामस्वरूप, हर साल करीब चार प्रतिशत नागरिक इलाज के खर्च के चलते गरीबी के दुष्चक्र में फंस जाते हैं।”

उन्होंने कहा, “सरकार 58 मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड कर रही है और 73 मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक स्थापित किए जा रहे हैं ताकि इस समस्या से निपटने में मदद मिल सके।”

अश्विनी चौबे ने कहा, “मैं देश के सभी हिस्सों में स्वास्थ्य विषय पर लिखने वाले पत्रकारों विशेषकर भाषाई पत्रकारों के क्षमता निर्माण के लिए यह पहल करने पर हील फाउंडेशन को बधाई देता हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि ‘आयुष्मान भारत’ और स्वस्थ भारत पर गंभीर चर्चा से निश्चित तौर पर सार्थक परिणाम निकलेंगे और इससे सरकार भी लाभान्वित होगी।”

‘फर्जी स्वास्थ्य समाचारों की समस्या’ और ‘हेल्थकेयर क्षेत्र में विश्वास बहाली’ जैसे विषयों पर परिचर्चा में पद्मभूषण से सम्मानित और फोर्टिस हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर अशोक सेठ, एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर शक्ति कुमार गुप्ता और भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक के.जी. सुरेश ने अपने विचार रखे।

हेल्थकेयर क्षेत्र में विश्वास बहाली पर अपने विचार साझा करते हुए डॉक्टर सेठ ने कहा, “डॉक्टर हमेशा ही काफी दबाव में काम करते हैं जिससे अक्सर गलतफहमी हो जाती है या सही बात सामने नहीं आ पाती। मरीजों और डॉक्टरों के बीच विश्वास कायम करने के लिए डॉक्टरों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे मरीजों के प्रति सहानुभूति रखें।”

उन्होंने कहा, “विनम्रता के साथ बातचीत लंबे समय में विश्वास कायम करती है। डाक्टरों के कुछ शब्द मरीजों के रिश्तेदारों को झकझोर देते हैं। वहीं मरीजों की प्रतिक्रिया यह भी हो सकती है कि डाक्टर ने पूरी कोशिश की या डॉक्टर लापरवाह था। ये बातें डाक्टर द्वारा सहानुभूति और संचार पर निर्भर करती हैं।”

हील फाउंडेशन के संस्थापक स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा, “इस छठे सम्मेलन का उद्देश्य हेल्थकेयर उद्योग में नवीनतम गतिविधियों से हेल्थ लेखकों और संपादकों को रूबरू कराना और हेल्थकेयर के समग्र सुधार में हेल्थ मीडिया की भूमिका और जिम्मेदारी बढ़ाना था।”

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