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आयात के कारण दलहनों के भाव में आई गिरावट : दाल मिल एसोसिएशन

 इंदौर, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)| ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने सरकार से दलहनों के आयात पर रोक लगाने की मांग की है।

  एसोसिएशन का कहना है कि विदेशों से आयातित उड़द, तुअर और मटर बाजार में होने से दलहनों के भाव में भारी गिरावट आई है और किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है। ऑल इडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि भारत सरकार ने सीमित मात्रा में दलहनों का आयात करने की अनुमति दी है, लेकिन सितंबर-2018 से लेकर अब तक चेन्नई पोर्ट पर तुअर, उड़द, मटर एवं अन्य दलहनों के लगभग 1500 कंटेनर आ चुके हैं।

उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों के कई व्यापारियों ने मद्रास उच्च न्यायालय से स्टे (स्थगन) प्राप्त किया है, करीब 50 से अधिक स्टे उच्च न्यायालय से व्यापारियों को मिले हैं।

उन्होंने सरकार से मांग की है कि उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ताओं के पक्ष में जो आदेश दिए गए हैं, उसके विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील करके मसले का निराकरण किया जाए, ताकि देश के किसानों को दलहनों का उचित भाव मिल सके।

अग्रवाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि घरेलू बाजार में आज उड़द का भाव 4100 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2018-19 (जुलाई-जून) में उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,600 रुपये प्रति क्विं टल तय किया है।

इसी प्रकार तुअर का मौजूदा भाव 4,600 रुपये प्रति क्विं टल है जबकि उसका एमएसपी 5,675 रुपये प्रति क्विं टल है। वहीं, मूंग का एमएसपी 6,975 रुपये प्रति क्विं टल तय किया गया है जबकि किसानों को महज 5,500 रुपये प्रति क्विंटल पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है।

अग्रवाल ने बताया कि बर्मा, तंजानिया, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और कनाडा से उड़द, तुअर और मटर का आयात हो रहा है। उन्होंने कहा कि दलहनों के आयात पर रोक लगने से घरेलू बाजार में कीमतों में सुधार होगा।

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