IANS

रिटायर्ड सॉर्ट सर्विस कमिशन ऑफिसर्स को पेंशन व मेडिकल सुविधाएं क्यों नहीं?

नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)| वर्ष 1965 और 1971 की जंग लड़ चुके सैनिक अपने पेंशन अधिकारों और मेडिकल सुविधाओं की मांग को रखने के लिए रिटायर्ड सॉर्ट सर्विस कमिशन (एसएससी) ऑफिसर्स शुक्रवार (21 दिसंबर) को दिल्ली में पत्रकार वार्ता कर अपने दर्द को बयां करेंगे। एसएससी एक्स सर्विसमैन के प्रतिनिधि और 1971 की जंग का हिस्सा रह चुके कैप्टन जसपाल सिंह और 1965 की जंग लड़ चुके कैप्टन हरीश गुलाटी इस सम्मेलन में अपने साथ हो रही नाइंसाफी को सामने रखेंगे।

इन एक्स सर्विसमैन ने सुविधाएं देने के मामले में अपने साथ भेदभाव होने का आरोप लगाया है। उन्होंने सेना में भर्ती नियमित अफसरों की तरह पेंशन और मेडिकल सुविधाएं देने की मांग की है। एसएससी के एक्स सर्विस मैन ऑफिसर इस सिलसिले में कई बार रक्षा मंत्री और थल सेनाध्यक्ष से मिल चुके हैं, लेकिन अब तक उनके प्रयास व्यर्थ ही साबित हुए हैं।

कैप्टन जसपाल सिंह ने कहा, “आर्मी में 5 या 10 साल तक सेवा करने और कई अभियानों में भाग लेने के बाद उन्हें यह पता चला कि उन्हें न तो कोई पेंशन मिलेगी और न ही किसी तरह की मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी। आज केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कई योजनाएं विभिन्न श्रेणियों में सिविलियंस को लाभ प्रदान करने के लिए दी गई है। असएससी और इमरजेंसी कमीशंड ऑफिसर्स के लिए ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है।”

उन्होंने कहा, “मिल्रिटी अस्पतालों में एसएससी एक्स सर्विस मैन के इलाज की सुविधा मनमाने ढंग से वापस ले ली गई थी। अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए आज ये एक्स सर्विस मैन निम्न स्तर की नौकरियां करने को मजबूर हैं। देश के लिए लड़ने और गैलेंट्री अवार्ड जीतने वाले इन सैनिकों के लिए कोई पेंशन और दूसरी सुविधाएं नहीं हैं।”

कैप्टन जसपाल सिंह ने बताया इमरजेंसी सर्विस और एसएससी के पूर्व सैनिक बहुत सारे गैलेंट्री अवार्ड जीत चुके है, जिसमें से कई ने तो परमवीर चक्र, वीर चक्र, और अशोक चक्र भी हासिल किए है।

उन्होंने बताया कि उन्होंने अब तक 20 से 25 प्रेजेंटेशन और पत्र रक्षा मंत्री को भेजे हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में सरकार की तरफ से दिया गया ओआरओपी का लाभ इमरजेंसी सर्विस और एसएससी के पूर्व सैनिकों को भी मिलना चाहिए, क्योंकि इन सैनिकों ने देश की सुरक्षा की खातिर कुर्बानी दी है।

 

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close