IANS

एम्वे इंडिया का ‘पावर ऑफ 5’ अभियान शुरू

गुरुग्राम, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)| एफएमसीजी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी एम्वे इंडिया ने बुधवार को भारत में बच्चों के बीच कुपोषण की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए ‘पावर ऑफ 5’ अभियान शुरू किया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि लोगों को बेहतर जीवन जीने में मदद करने के एम्वे के विजन के अनुरूप ‘पावर ऑफ 5’ एक समुदाय-आधारित अभियान है, जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों की माताओं और देखभाल करने वालों को केंद्र में रखता है।

इस अभियान का उद्देश्य पूरक आहार, स्वच्छता प्रथाओं, बच्चे के विकास पर निगरानी और विविधतापूर्ण आहार सहित पोषण संबंधी ज्ञान और प्रणालियों को बेहतर बनाना है। यह अभियान संबंधित विभागों (एकीकृत बाल विकास योजना, स्वास्थ्य और स्वच्छता) के सेवा प्रदाताओं के बीच तालमेल विकसित करना चाहता है, ताकि कुपोषित और संक्रमण से पीड़ित बच्चों की पहचान की जा सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

विश्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट कहती है कि लगभग 80 लाख भारतीय बच्चे गंभीर तीव्र कुपोषण (लंबाई के अनुपात में बहुत कम वजन) से पीड़ित हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 5 साल से कम उम्र के 36 प्रतिशत बच्चे सामान्य से कम वजन वाले (अंडरवेट) हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 38 प्रतिशत कम कद वाले (स्टंटेड) हैं, 21 प्रतिशत कमजोर (वास्टेड) हैं, 7.5 प्रतिशत गंभीर रूप से कमजोर (सीवरली वास्टेड) हैं और 58 प्रतिशत खून की कमी से पीड़ित (एनिमिक) हैं।

एम्वे इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशु बुधराजा ने कहा, “‘पावर ऑफ 5’ के लांच के जरिए हमारा लक्ष्य बाल्यावस्था के कुपोषण के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाना और व्यापक स्तर पर माताओं और समुदायों में बेहद जरूरी व्यवहारगत बदलाव लाना है। यह कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर बहुत सफल रहा है और 23 से अधिक देशों में हर साल एक लाख से ज्यादा बच्चों को लाभान्वित कर रहा है।”

एम्वे इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी संदीप शाह ने कहा, “बच्चे के जीवन के शुरुआती पांच वर्ष खासतौर से उसके समग्र विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं और इसलिये उन्हें स्वस्थ एवं पोषण से भरपूर आहार देना जरूरी होता है। भारत में पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों में पोषण का मौजूदा निम्न स्तर चिंता का विषय है।”

उन्होंने कहा, “विश्व बैंक की रिपोर्ट ‘भारत के कुपोषित बच्चे : सुधार और कार्रवाई की जरूरत’ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 80 लाख बच्चे गंभीर रूप से कुपोषण से ग्रस्त हैं। पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों में कुपोषण के कारण मृत्यु दर 20 प्रतिशत से अधिक है। बच्चों में कुपोषण के प्रमुख कारणों में सही तरीके से मां का दूध नहीं पिलाना, अपर्याप्त आहार देना, बार-बार होने वाले संक्रमण इत्यादि शामिल हैं।”

उन्होंने कहा, “इस तरह के मुद्दों को उपयुक्त शिक्षा और मार्गदर्शन से ही सुलझाया जा सकता है। भारत में ‘पावर ऑफ 5’ कैम्पेन के जरिए, हमारा उद्देश्य पांच साल से कम उम्र के बच्चों, उनकी माताओं और समुदाय तक पहुंच स्थापित करना तथा उन्हें यह बताना है कि वे अपने पास मौजूद संसाधनों का किस तरह से सर्वश्रेष्ठ रूप से इस्तेमाल कर बच्चों का पोषणयुक्त विकास सुनिश्चित कर सकते हैं।”

बयान में कहा गया कि एम्वे इस अभियान को अमली जामा पहनाने वाले साथी के रूप में ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड के साथ पहले पायलट वर्ष में पश्चिम दिल्ली के किराड़ी क्षेत्र में लगभग 10,000 बच्चों तक उनकी माताओं के माध्यम से सीधे पहुंचेगा और उन्हें लाभ पहुंचाएगा। इसके साथ ही 30,000 लोग (अभिभावक, देखभाल करने वाले और सामुदायिक सदस्य) अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे।

ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड के कार्यकारी निदेशक सुनील मेहरा ने कहा, “इस इलाके में बहुत से वंचित बच्चे ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिन्हें उनके पोषण में मामूली बदलाव करके ही दूर किया जा सकता है। ‘पावर ऑफ 5’ अभियान इन बच्चों के जीवन पर एक चिरस्थायी प्रभाव डालेगा, क्योंकि यह उनके दैनिक आहार में बुनियादी बदलाव लाने की ख्वाहिश रखता है। हमें इस पहल के अंतिम परिणाम को लेकर वाकई में काफी उम्मीद है।”

 

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