दिल्ली एनसीआर व बेंगलुरु देश में फ्लेक्सबल स्पेस के सबसे बड़े बाजार : सर्वे
नई दिल्ली, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)| भारत में फ्लेक्सबल स्पेस के कुल स्टॉक में करीब 50 फीसदी वृद्धि हुई है। यग 2017 के करीब 1 करोड़ वर्ग फुट से बढ़कर 2018 की तीसरी तिमाही में करीब 1.5 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंच गया है।
इसके अलावा, दिल्ली एनसीआर और बेंगलुरु देश में फ्लेक्सबल स्पेस के सबसे बड़े बाजारों के रूप में सामने आए हैं जहां फ्लेक्सबल स्पेस ऑपरेटरों की लीजिंग में 55 फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई है।
रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड ने रविवार को अपनी नवीनतम रिपोर्ट ‘फ्लेक्सबल स्पेस टेनेंट सर्वे-2018’ के नतीजे जारी किए। इस रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लेक्सबल स्पेस एशिया पैसिफिक में कुल स्टॉक का लगभग 1.7 फीसदी है; शंघाई और दिल्ली-एनसीआर ही ऐसी दो जगहें हैं जहां फ्लेक्सबल स्पेस कुल उपलब्ध ऑफिस स्पेस के 3 फीसदी से अधिक है।
फ्लेक्सबल स्पेस ऑपरेटरों की लीजिंग गतिविधियां 2016 के मुकाबले 2017 में चौगुनी बढ़कर करीब 35 लाख वर्ग फुट तक पहुंच गइर्ं। फ्लेक्सबल स्पेस ऑपरेटरों की 80 फीसदी से अधिक लीजिंग गतिविधियां तीन प्रमुख जगहों दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई में दर्ज की गईं। इसके अलावा, फ्लेक्सबल स्पेस की हिस्सेदारी 2017 की पहली छमाही में 5 फीसदी से दोगुनी होकर 2018 की पहली छमाही में बढ़कर करीब 10 फीसदी हो गई।
सीबीआरई के इंडिया एंड साउथ-ईस्ट एशिया के चेयरमैन अंशुमान मैगजीन ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, “स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए शेयर्ड सर्विस के तौर पर शुरू होने वाले फ्लेक्सबल स्पेसेज को अब पहले से स्थापित कंपनियां भी गतिशील व्यावसायिक माहौल में, अपने पोर्टफोलियो को अधिक चुस्त बनाने के लिए इस्तेमाल करने लगी हैं। भारत में फ्लेक्सबल स्पेस के एपीएसी में सबसे बड़े बाजार के तौर पर सामने आने के चलते हमें उम्मीद है कि यह वर्ग निवेशकों के लिए खासा दिलचस्प रहेगा। हमें उम्मीद है कि इस सेगमेंट में लीजिंग गतिविधियां 2018 में 54 लाख वर्ग फुट से बढ़कर 2020 तक 70-90 लाख वर्ग फुट तक पहुंच जाएंगी।”
इस सर्वे में देश के विभिन्न फ्लेक्सिबल स्पेस फॉर्मेट जैसे को-वर्ग, बिजनेस सेंटर और हाइब्रिड स्पेस आदि से परिचालन करने वाले ग्लोबल एवं डोमेस्टिक टेनेंट को शामिल किया गया था।
सर्वे के प्रतिभागियों में विभिन्न उद्योग क्षेत्रों जैसे टेक्नोलॉजी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्च रिंग से लेकर मीडिया तथा ई-कॉमर्स शामिल थे।