भारत ने जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में नियमों में समानता पर जोर दिया
काटोवाइस (पोलैंड), 16 दिसम्बर (आईएएनएस)| भारत ने पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते 2015 को वैश्विक रूप से लागू होने वाले नियम-कायदों में समानता की कमी के बारे में अपना संदेह जताया है।
भारत के मुख्य वार्ताकार रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को सत्र में कहा, “भारत वैश्विक रूप से लागू होने वाले नियम-कायदों में समानता की कमी के बारे में अपना कड़े संदेह जाहिर करना चाहता है।”
उन्होंने कहा, “पेरिस समझौते के अनुच्छेद 14 में समानता का स्पष्ट उल्लेख है। यह यूए फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज और पेरिस समझौते का साझा सिद्धांत है लेकिन इसकी जिम्मेदारियों में अंतर है।”
रविशंकर प्रसाद ने कहा, “अगर इनपुट, तकनीकी मूल्यांकन और आउटपुट पूरी तरह से समानता को संबोधित नहीं करता है तो इससे संपूर्ण वैश्विक नियम-कायदों की प्रक्रिया प्रभावित होती है। जलवायु न्याय सुनिश्चित करने के लिए गरीब और हाशिए के लोगों की कमजोरियों, समस्याओं और चुनौतियों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।”
पेरिस समझौते को लागू करने वाले नियमों पर लगभग 200 राष्ट्रों ने शनिवार को सहमति जताई है। सीओपी24 नाम के इस जलवायु सम्मेलन में 133 पेज की पेरिस रूलबुक को सर्वसम्मति से मंजूर किया गया।