मध्य प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन देगी सपा : अखिलेश
लखनऊ, 12 दिसम्बर (आईएएनएस/आईपीएन)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बसपा मुखिया मायावती की तरह मध्य प्रदेश में कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वह जनादेश का स्वागत करते हैं। उम्मीद है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी समेत जनता से जो वादे किए हैं, उसे पूरा करेगी।
अखिलेश बुधवार को सपा प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह जनादेश का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा लेकिन हम मध्य प्रदेश की जनता को बधाई देते हैं कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुद्दों का समर्थन किया है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के खिलाफ मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है। समाजवादी पार्टी ने सभी से विचार-विमर्श करके कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने जनता से जो वादे किए हैं उसे पूरा करे। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने जनता से सबसे बड़ा वादा किसानों की कर्ज माफी का किया है, जिसे वह पूरा करे।
एक सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि अब गठबंधन नहीं होने की बात पुरानी हो गई है। आम चुनाव के संभावित गठबंधन के बारे में अभी हमने किसी से भी बात नहीं की। हम बूथ स्तर पर समाजवादी पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।
अखिलेश ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणामों से साफ हो गया है कि जनता भाजपा की जाति-संप्रदाय की राजनीति से ऊब चुकी है। अब उनके बहकावे में नहीं आने वाली है। देश में भाजपा को जवाब दे रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने केंद्र और प्रदेशों में सरकार रहने के बाद भी जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। झूठे वादे से किसान और नौजवान परेशान है। मीडिया को भी चाहिए कि वह किसानों की समस्या को अपने चैनल पर दिखाए।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इन चुनावों में जनता ने राज्य सरकार के साथ केन्द्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी नाराजगी जताई है। इन चुनाव नतीजों का असर निश्चित रूप से अगले साल के लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा।
उन्होंने मोदी की जगह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आगे लाए जाने के सवाल पर हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि उन्होंने तो भगवान की भी जाति बता दी। योगी को बताना चाहिए कि किस भगवान ने उन्हें क्या दिया?
ईवीएम से चुनाव करवाने पर उन्होंने कहा कि ये एक मुद्दा है जिसे देखने की जरूरत है। अमेरिका जैसे देशों ने भी ईवीएम को नहीं अपनाया। उन्होंने कहा कि वह कहते रहे हैं कि चुनाव चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए और यह बात आगे भी कहते रहेंगे।